नयी दिल्ली: औद्योगिक कर्मचारियों के लिये खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.57 प्रतिशत पहुंच गयी। मुख्य रूप से कुछ खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘जून में सालाना आधार पर मुद्रास्फीति 5.57 प्रतिशत पर पहुंच गयी। इससे पूर्व माह में यह 5.24 प्रतिशत और एक साल पहले जून महीने में 5.06 प्रतिशत थी।’’ बयान के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति आलोच्य माह में 5.61 प्रतिशत रही जो मई 2021 में 5.26 प्रतिशत और जून 2020 में 5.49 प्रतिशत थी।
अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू (औद्योगिक कर्मचारियों के लिये उपभोक्ता कीमत सूचकांक) जून 2021 में 1.1 अंक बढ़कर 121.7 अंक रहा। मासिक आधार पर प्रतिशत बदलाव के रूप में यह 0.91 प्रतिशत बढ़ा। वहीं पिछले साल इस दौरान यानी मई-जून के बीच इसमें 0.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मुद्रास्फीति पर सर्वाधिक दबाव खाद्य एवं पेय पदार्थ समूह का रहा। कुल बदलाव में इनका योगदान 0.72 प्रतिशत अंक रहा।
जिंसों के स्तर पर चावल, मछली, पॉल्ट्री, अंडे, खाद्य तेल, सेब, केला, बैंगन, गाजर, प्याज, आलू और टमाटर समेत अन्य के दाम में तेजी आयी। बिजली, मिट्टी के तेल, नाई/ब्यूटीशियन के शुल्क, डॉक्टर/सर्जन की फीस और पेट्रोल ने भी सूचकांक में तेजी लाने में योगदान दिया। हालांकि दूसरी तरफ अरहर दाल, आम, अनार, तरबूज, नींबू आदि के मूल्य में नरमी रही। केंद्र के स्तर पर सर्वाधिक 6.2 प्रतिशत की वृद्धि शिलांग में दर्ज की गयी। उसके बाद पुडुचेरी और भोपाल का क्रमश: 3.5 अंक और 3.1 अंक के साथ दूसरा और तीसरा स्थान रहा। दूसरी तरफ इंदौर में सर्वाधिक 1.1 अंक की कमी दर्ज की गयी है।