Highlights
- सालाना आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 4.50 फीसदी हो गई
- सरसों तेल, टमाटर, प्याज, रसोई गैस और पेट्रोल के दामों में आई तेजी
- मूंग दाल, मछली, सेब, अंगूर, संतरे एवं अदरक के दाम कम
नयी दिल्ली। उद्योग जगत में कार्यरत कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 4.50 प्रतिशत हो गई जबकि सितंबर में यह 4.41 फीसदी थी। श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि सालाना आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 4.50 फीसदी हो गई जबकि अक्टूबर 2020 में यह 5.91 प्रतिशत रही थी। वहीं सितंबर 2021 में औद्योगिक कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दर 4.41 प्रतिशत थी। अक्टूबर 2021 में खाद्य मुद्रास्फीति 2.20 प्रतिशत रही जबकि सितंबर में यह 2.26 प्रतिशत थी। वहीं अक्टूबर 2020 में यह आंकड़ा 8.21 फीसदी रहा था।
अक्टूबर में औद्योगिक कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) 1.6 अंक बढ़कर 124.9 अंक हो गया। यह सितंबर 2020 में 123.3 अंक पर रहा था। अगर एक महीने में आए प्रतिशत बदलाव की बात करें तो यह सितंबर की तुलना में अक्टूबर 2021 में 1.30 प्रतिशत बढ़ गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह बदलाव 1.19 प्रतिशत रहा था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में आई इस तेजी के पीछे खाद्य एवं पेय समूह के उत्पादों का योगदान रहा। सरसों तेल, टमाटर, प्याज, बैंगन, बंदगोभी, भिंडी, मटर, आलू, रसोई गैस और पेट्रोल के दामों में आई तेजी से यह महंगे हुए।
हालांकि मूंग दाल, मछली, सेब, अंगूर, संतरे एवं अदरक के दाम कम होने से इसका असर कम करने में मदद मिली। प्रमुख श्रम एवं रोजगार सलाहकार और मुख्य श्रम आयुक्त डी पी एस नेगी ने कहा कि केंद्रीय स्तर पर उधम सिंह नगर में सबसे ज्यादा 5.8 अंकों की तेजी दर्ज की गई। उसके बाद रामगढ़ में 4.6 अंक और चरैली में 4.0 अंक की बढ़त रही। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबद्ध श्रम ब्यूरो हर महीने औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित आंकड़े जुटाता है। देश भर के 317 बाजारों से जुटाई गईं खुदरा कीमतें के आधार पर यह आंकड़ा जारी किया जाता है।