नई दिल्ली। खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूलीरूप से घटकर 5.3 प्रतिशत रह गई। जुलाई में यह 5.59 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की कीमत में नरमी आने की वजह से मुद्रास्फीति में यह गिरावट आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई, 2021 में 5.59 प्रतिशत और अगस्त, 2020 में 6.69 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 3.11 प्रतिशत रही, जो इससे पहले जुलाई में 3.96 प्रतिशत थी। अगस्त में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा था। आरबीआई अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर फैसला लेते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करता है।
आरबीआई ने 2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्ति किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जोखिम संतुलन के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 5.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहेगी। 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
अगस्त में खाने-पीने की चीजों के दाम 3.11 प्रतिशत बढ़े, जो जुलाई में 3.96 प्रतिशत की दर पर थे। बताया जा रहा है कि इस दौरान खासतौर पर सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई दर बढ़ी थी। इसके अलावा खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
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