नई दिल्ली। सितंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़त के साथ 8 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है। माह के दौरान महंगाई दर बढ़त के साथ 7.34 फीसदी के स्तर पर रही है, पिछले महीने महंगाई दर 6.69 फीसदी के स्तर पर थी। महंगाई में बढ़त खाद्य कीमतों में उछाल की वजह से देखने को मिली है, सितंबर के दौरान खाद्य महंगाई बढ़कर 10.68 फीसदी पर पहुंच गई। अगस्त में खाद्य महंगाई 9.05 फीसदी के स्तर पर थी। सबसे ज्यादा असर सब्जियों की कीमतों पर देखने को मिला है, सब्जियों की महंगाई दर 11.41 फीसदी से बढ़कर 20.73 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। सितंबर के दौरान मॉनसून और स्थानीय लॉकडाउन की वजह से खाद्य पदार्थों की सप्लाई पर असर देखने को मिला था, जिसका असर खाद्य पदार्थों की कीमतों पर देखने को मिला है। खाद्य कीमतों से अलग ईंधन और बिजली की महंगाई दर में नरमी देखने को मिली है। फ्यूल- इलेक्ट्रिसिटी महंगाई दर 3.1 फीसदी से घटकर 2.87 फीसदी के स्तर पर आ गई है। इसके साथ ही हाउसिंग की महंगाई दर में भी गिरावट देखने को मिली है। लॉकडाउन के दौरान मांग कम होने से हाउसिंग की कीमतों में नरमी देखने को मिली है।
खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक की लक्ष्य सीमा से काफी ऊपर है, रिजर्व बैंक का महंगाई दर को 2 से 6 फीसदी के बीच रखने का लक्ष्य है। माना जा रहा है कि महंगाई दर पर बढ़त के बीच रिजर्व बैंक के लिए कर्ज दरों में राहत देना काफी चुनौतिपूर्ण होगा। इसके साथ ही अगस्त में आईआईपी 8 फीसदी गिरी है। आईआईपी में गिरावट मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और पावर सेक्टर में गिरावट की वजह से देखने को मिली है। जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इस अवधि के दौरान 8.6 फीसदी की गिरावट रही है। वहीं माइनिंग सेक्टर का आउटपुट 9.8 फीसदी गिरा है। पावर सेग्मेंट में 1.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।