नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के महत्वाकांक्षी स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत अब रेलवे स्टेशनों के आसपास आवासीय परिसरों के विकास की अनुमति दी जाएगी। कार्यक्रम की नोडल एजेंसी इंडियन रेलवे स्टेशंस डेवलमेंट कॉरपोरेशन (आईआरएसडीसी) के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार लोहिया ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने रेलवे स्टेशनों की पुनर्विकास योजना के तहत वाणिज्यिक विकास के साथ-साथ आवासीय विकास की अनुमति दी है ताकि इस तरह की परियोजनाओं को वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड ने आवासीय विकास को मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य कुल यात्रा प्रभाव आकलन को कम करना है। अगर आवासीय व वाणिज्यिक सुविधाएं एक ही जगह हों तो वहां काम करने वाले लोग वहां रह भी सकते हैं। इससे उन्हें काम के लिए कम दूरी तय करनी पड़ेगी।
लोहिया ने कहा कि रेलवे स्टेशनों के आसपास रेलवे की जमीन पर इस तरह के आवासीय भवन बनाने के पीछे उद्देश्य यही है कि इससे वहां रहने वाले लोगों की सभी यात्रा जरूरतें आसानी से पूरी होंगी। आईआरएसडीसी रेलवे की संयुक्त उद्यम कंपनी है। उन्होंने बताया कि यह आवासीय परिसर पेंटहाउस के लिए नहीं होंगे, बल्कि छोटे-छोटे घर-घर होंगे जहां ऐसे लोग रहेंगे जो सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर हैं। लोहिया ने बताया कि इस पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत 600 स्टेशनों की पहचान की गई है और इन सभी जगहों पर अवासीय परिसर विकसित किए जाएंगे।
आईआरएसडीसी रेलवे की एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है, स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करने के लिए सबसे ज्यादा बोलीदाता को 99 साल की लीज पर दिया जाएगा। पहले लीज की अवधि 45 वर्ष थी।