रिजर्व बैंक ने आज पॉलिसी समीक्षा में प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं किया। समीक्षा के मुताबिक आरबीआई के लिए अभी भी महंगाई दर का स्तर चिंता का विषय बना हुआ। समीक्षा में रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को लेकर कई अनुमान जारी किए। जानिये समीक्षा में अर्थव्यवस्था को लेकर 5 बड़े अनुमान
2020-21 की जीडीपी अनुमान 6%
रिजर्व बैंक के मुताबिक साल 2020-21 में जीडीपी 6 फीसदी की दर से बढ़त दर्ज कर सकती है। इसमें से भी पहले छमाही के दौरान ग्रोथ 5.5 से 6 फीसदी के बीच रह सकती है। वहीं अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही मे ग्रोथ 6.2 फीसदी रह सकती है।
कोरोनावायरस का असर संभव
रिजर्ब बैंक पॉलिसी में अनुमान जताया गया है कि चीन में फैले कोरोनावायरस का असर दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। कोरोनोवायरस के बढ़ने पर टूरिस्ट के आने जाने पर असर दिखने की आशंका जताई गई है। इससे पर्यटन पर असर पड़ सकता है। वहीं आयात निर्यात पर भी असर की आशंका है।
ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ने का अनुमान
रिजर्व बैंक का मानना है कि खाद्य कीमतों में आई तेजी से एग्रीसेक्टर के लिए हालात बेहतर हो सकते हैं। कीमतों में बढ़त से किसानों की उपज की बेहतर रकम मिलने का अनुमान है, जिससे ग्रामीण इलाकों की आय बढ़ सकती है।
रबी फसलों के उत्पादन में बढ़त संभव
पॉलिसी समीक्षा में अनुमान दिया गया है कि इस साल रबी फसलों के उत्पादन में बढ़त दर्ज होगी। रिपोर्ट के मुताबिक 31 जनवरी तक रबी फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले 9.5 फीसदी बढ़ा है। वहीं प्याज, टमाटर और आलू की बुवाई बढ़ने से सब्जियों का कुल उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2.6 फीसदी बढ़ सकता है। प्याज की कीमतों में आगे नरमी आने की पूरी उम्मीद है।
दूध, दालों की कीमतों पर दबाव
पॉलिसी रिपोर्ट की माने तो लागत बढ़ने से दूध कीमतों में दर्ज हुई बढ़त का रुख आगे भी जारी रह सकता है। वहीं खरीफ के उत्पादन में कमी की वजह से दालों की कीमत में आगे भी दबाव देखने को मिल सकता है। कीमतों में बढ़त की वजह से महंगाई दर में चौथी तिमाही में दबाव बना रहेगा। हालांकि प्याज कीमतों में गिरावट की वजह से इसमें दिसंबर की तेजी के मुकाबले नरमी दर्ज हो सकती है।
- कच्चे तेल की कीमतों में अनिश्चितता
रिजर्व बैंक के मुताबिक कुछ वक्त तक कच्चे तेल की कीमतों में अनिश्चितता जारी रह सकती है। रिपोर्ट मे कहा गया है कि फिलहाल क्रूड मार्केट एक तरफ मिडिल ईस्ट में जारी तनाव का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी चीन के संकट से कारोबार की गति ठप पड़ने की आशंका बन गई है। ऐसे में कीमतों पर कुछ समय तक अनिश्चितता हावी रहेगी।