नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मद्देनजर अब यूपीआई के जरिए भी स्वत: आवर्ती भुगतान (रिकरिंग पेमेंट) करने की सुविधा प्रदान कर दी है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता और मर्चेंट निकायों के बीच एक सहमति बनती है और महीने की तयशुदा तारीख पर निश्चित बकाया राशि का स्वत: भुगतान हो जाता है। अभी तक यह सुविधा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रुमेंट और वॉलेट के जरिए भुगतान पर उपलब्ध थी। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि अब स्वत: आवर्ती भुगतान की सुविधा यूपीआई के लिए भी उपलब्ध होगी।
रिजर्व बैंक ने कहा, ‘‘यूपीआई के जरिये स्वत: आवर्ती भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिये ई-मैंडेट की मंजूरी दी जाती है।’’ भुगतान करते समय मर्चेंट के समक्ष उपभोक्ताओं के उपस्थित रहे बिना संदेश या ई-मेल आदि माध्यमों से भुगतान की प्रक्रिया को सहमति देने को ई-मैंडेट कहा जाता है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता अधिकतम दो हजार रुपए का भुगतान कर सकेंगे। स्वत: आवर्ती भुगतान सुविधा के लिये उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। इसके तहत उपभोक्ता किसी भी समय अगले आवर्ती भुगतान को रोक सकते हैं। उल्लेखनीय है कि स्वत: आवर्ती भुगतान की सुविधा का आम तौर पर मोबाइल, इंटरनेट समेत अन्य यूटिलिटी बिल भरने या दुकानों में मासिक आधार पर एकमुश्त भुगतान करने में किया जाता है।