नई दिल्ली। सरकार की नजर सिंगल ट्रांजैक्शन के दौरान दो लाख रुपए के कैश लेनदेन पर है। यदि आप दो लाख रुपए की शॉपिंग कर रहे हैं या किसी सर्विस के लिए कैश भुगतान कर रहे हैं तो इसकी पूरी जानकारी सरकार के पास सीधे पहुंचेगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया है कि कारोबारियों और व्यापारियों को वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री पर दो लाख रुपए के एकल लेनेदेन की जानकारी टैक्स अधिकारियों को देनी होगी।
- इनकम टैक्स नियम, 1962 के तहत नियम 114ई के दिशा-निर्देशों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है।
- यह नियम इस साल अप्रैल से लागू हुआ है।
- कुछ हलकों में दो लाख रुपए तक के कुल नकद लेनदेन को लेकर संदेह जताया जा रहा था।
- सीबीडीटी ने बयान में कहा कि नियम 114 ई के उपनियम के तहत एकीकृत या कुल के नियम को बोर्ड की 6 अक्टूबर, 2016 की अधिसूचना के जरिये संशोधित किया गया है।
तस्वीरों में देखिए कहां कर सकते हैं आप टैक्स सेविंग
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- इसमें स्पष्ट किया गया है कि वित्तीय लेनदेन का लेखाजोखा (एसएफटी) के तहत रिपोर्टिंग की जरूरत वस्तु एवं सेवाओं की प्रति लेनदेन दो लाख रुपए की नकद प्राप्तियों के लिए है।
- आयकर नियम, 1962 के नियम 114 ई के तहत वित्तीय लेनदेन का लेखाजोखा देने का नियम 1 अप्रैल, 2016 से लागू हुआ था।
- इसके तहत वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री पर दो लाख रुपए से अधिक की नकद प्राप्तियों का ब्योरा देने का प्रावधान है।