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एसोचैम और कंसल्टेंसी कंपनी KPMG की रिपोर्ट की खास बातें
- रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकार वस्तुओंं पर कर की व्यवस्था भावनाओं से प्रेरित नहीं होनी चाहिए।
- बल्कि इसे तर्कसंगत ढंग से तय किया जाना चाहिए ताकि तस्करी आदि को बढ़ावा न मिले।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों को मानक दर से ऊपर की दर में रखने के बजाय पूरे तंबाकू उद्योग को मानक दर में रखा जाए। - और इसके छूट वाले उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में रखा जाए ताकि इनमें धड़ल्ले से चल रहे अवैध व्यापार को खत्म किया जा सके।
- दूरसंचार क्षेत्र के बारे में रिपोर्ट का कहना है कि GST से इस क्षेत्र की रोजमर्रा के लिए कारोबारी पूंजी की लागत बढ सकती है।
- क्योंकि कर की दरें बढने से इस क्षेत्र में आयातित उत्पादों सहित खरीदे गए माल का दाम बढे़गा।
- GST के तहत सेवाओं की खरीद लागत 18 प्रतिशत से अधिक बढेगी जबकि अभी यह 15 प्रतिशत बढ़़ती है।
- एसोचैम ने कहा है कि निष्क्रिय ढांचे और ईंधन पर अगर CENVAT की छूट नहीं मिली तो यह लागत चुनौती होगी।
- दस्तावेज में कहा गया है कि तेल और गैस क्षेत्र के बाद तंबाकू उद्योग दूसरा बड़ा उद्योग है जहां से उत्पाद शुल्क के रूप में सबसे ज्यादा राजस्व प्राप्त होता है।
- तंबाकू उद्योग से 2014-15 में कुल मिलाकर 29,000 करोड़ रुपए का कर राजस्व जुटाया गया।
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इसे ऐसी सावधानी से लागू किया जाना चाहिए ताकि वर्तमान कर ढांचे में कम से कम हेर-फेर हो।