वॉशिंगटन। विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा अपने घर यानी भारत भेजे जाने वाले धन (रेमिटेंस) में बीते साल 8.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि इस गिरावट के बावजूद भारत विदेशों से इस तरह की मनीऑर्डर राशि हासिल करने वाले देशों में पहले स्थान पर बना हुआ है।
वर्ल्ड बैंक ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसके अनुसार विकासशील देशों को भेजे जाने वाले विदेशी मनीऑर्डर में 2016 में लगातार दूसरे साल गिरावट आई। तीस साल में पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया। इस गिरावट के लिए मुख्य रूप से तेल कीमतों में गिरावट तथा पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों द्वारा कड़े वित्तीय अनुशासन अपनाए जाने को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पश्चिम एशिया में भारतीय बड़ी संख्या में रहते हैं, जो कि अपने घरों में नियमित रूप से पैसा भेजते हैं।
इसके अनुसार बीते साल सबसे अधिक मनीऑर्डर पाने वाले देशों में भारत पहले स्थान पर बना रहा। इस दौरान भारत को 62.7 अरब डॉलर की राशि भेजी गई, जो कि 8.9 प्रतिशत की गिरावट दिखाती है। 2015 में यह राशि 68.9 अरब डॉलर रही थी। बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विकासशील देशों को आधिकारिक विदेशी मनीऑर्डर 2016 में 2.4 प्रतिशत घटकर 429 अरब डॉलर रह गया। 2015 में यह 440 अरब डॉलर था।
रेमिटेंस हासिल करने वाले देशों में भारत पहले नंबर पर है। इसके बाद चीन (61 अरब डॉलर), फिलीपाइंस (29.9 अरब डॉलर), मेक्सिको (28.5 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (19.8 अरब डॉलर) का स्थान है। 2016 में बांग्लादेश के रेमिटेंस में 11.1 प्रतिशत की कमी आई है। श्रीलंका में 2016 के दौरान 3.9 प्रतिशत अधिक विदेशी धन भेजा गया है। 2016 में भारत की जीडीपी में रेमिटेंस की हिस्सेदारी 2.9 प्रतिशत रही है।