नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि सरकार के नये सुधारों और राहत उपायों से दूरसंचार क्षेत्र डिजिटल इंडिया मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में कई सुधारों की घोषणा की। उसमें समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को फिर से परिभाषित करना शामिल है। इसके तहत इसमें केवल दूरसंचार सेवाओं से प्राप्त आय को ही शामिल किया जाएगा। सरकार एजीआर पर विभिन्न शुल्कों का आकलन करती है।
मुकेश अंबानी ने कहा, ‘‘दूरसंचार क्षेत्र अर्थव्यवस्था को गति देने वाले प्रमुख कारकों में से एक है और भारत को एक डिजिटल समाज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं भारत सरकार के सुधारों और राहत उपायों की घोषणा का स्वागत करता हूं। यह उद्योग को डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। मैं प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को इस साहसिक पहल के लिए धन्यवाद देता हूं।” आरआईएल की दूरसंचार इकाई जियो ने कहा कि ये सुधार भारत के दूरसंचार क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में समय पर उठाया गया कदम हैं। इससे कंपनी ग्राहकों के लिये नये और बेहतर लाभ लाने को लेकर प्रोत्साहित होगी। जियो ने कहा, ‘‘कंपनी डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के सभी लक्ष्यों को पाने के लिए भारत सरकार और उद्योग के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि हम सामूहिक रूप से अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को उत्पादक बना सके और प्रत्येक भारतीय के जीवन को सुगम बना सके।’’
सरकार ने बुधवार को दूरसंचार क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा की है। इसके तहत दूरसंचार क्षेत्र के लिये राहत पैकेज को मंजूरी देने के साथ ऑटोमैटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है। राहत पैकेज में दूरसंचार कंपनियों के ऊपर सांविधिक बकाये (statutory dues) के भुगतान पर चार साल के लिये मोहलत दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद निर्णय की जानकारी देते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिये नौ संरचनात्मक सुधारों को मंजूरी दी गयी है। सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाते हुए इसमें से दूरसंचार क्षेत्र से अलग होने वाली आय को हटा दिया गया है। दूरसंचार क्षेत्र में दबाव का एक प्रमुख कारण एजीआर की परिभाषा का मुद्दा था। मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने ऑटोमैटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की भी अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि अन्य उपायों में बकाया, एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाया भुगतान पर चार साल की मोहलत शामिल हैं। इन उपायों से दूरसंचार क्षेत्र में कुछ कंपनियों के समक्ष उत्पन्न नकदी की समस्या दूर होगी।
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