नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स को बड़ी राहत प्रदान की है। इलाहाबाद कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि रिंगिंग बेल्स के खिलाफ एफआईआर जल्दबाजी में और समय से पहले दर्ज की गई है। जस्टिस बीके नारायण और आरएन मिश्रा के पीठ ने आदेश दिया है कि अगली सुनवाई तक कंपनी और उसके अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई न की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी के मालिक अशोक चड्ढ़ा, डायरेक्टर मोहित गोयल और धारणा गर्ग की गिरफ्तारी पर लगी रोक को बढ़ा दिया है।
तस्वीरों में देखिए इस फोन को
smartphone at 251
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गौरतबल है कि रिंगिंग बेल कंपनी ने 251 रुपए में एंडरॉयड स्मार्टफोन देने का वादा किया है। रिंगिंग बेल्स ने जवाब दिया है कि उन्होंने किसी को धोखा नहीं दिया है और ग्राहकों का कोई भी पैसा नहीं लिया है। रिंगिंग बेल्स ने कहा है कि वह 30 जून तक पहले चरण में 25 लाख लोगों को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाने की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेगी। रिंगिंग बेल्स को पहले दिन ही 30,000 ऑर्डर हासिल हुए थे। कंपनी के पास सात करोड़ लोगों ने इस फोन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। कंपनी ने उन सभी ग्राहकों के पैसे लौटा दिए हैं, जिन्होंने 251 रुपए में यह फोन बुक कराया था। कंपनी ने कहा है कि वह अब फोन डिलीवर करने के बाद ही कस्टमर्स से पैसे लेगी।
अशोक चढ्डा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के वकीलों से पूछा कि फ्रीडम 251 स्मार्टफोन को बनाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत किस आधार पर आरोप बनता है, इस पर वकील कोई जवाब नहीं दे पाए। हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष को दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया की शिकायत पर नोएडा पुलिस ने मार्च में रिंगिंग बेल्स के डायरेक्टर मोहित गोयल और कंपनी के प्रेसीडेंट अशोक चड्ढा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।