Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Rafale Deal: दसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने बनाई संयुक्त उद्यम कंपनी 

Rafale Deal: दसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने बनाई संयुक्त उद्यम कंपनी 

अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह तथा राफेल (Rafale) विनिर्माता दसाल्ट एविएशन ने संयुक्त उद्यम लगाने की घोषणा सोमवार को की है

Abhishek Shrivastava
Published on: October 03, 2016 16:00 IST
Rafale Deal: दसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने बनाई संयुक्त उद्यम कंपनी - India TV Paisa
Rafale Deal: दसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने बनाई संयुक्त उद्यम कंपनी 

नई दिल्ली। देश में निजी रक्षा उद्योग के क्षेत्र में हुए एक बड़े सौदे के तहत अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह तथा राफेल (Rafale) विनिर्माता दसाल्ट एविएशन ने संयुक्त उद्यम लगाने की घोषणा सोमवार को की है। यह उद्यम लड़ाकू जेट सौदे के तहत 22,000 करोड़ रुपए के ऑफसेट अनुबंध को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।

यह भी पढ़ें : फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का सौदा हुआ पक्‍का, 2019 से वायुसेना को मिलने लगेंगे नए फाइटर प्‍लेन

समझौते की महत्‍वपूर्ण बातें

  • भारत और फ्रांस के 23 सितंबर को 36 साफेल लड़ाकू जेट के लिये समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद संयुक्त उद्यम दसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस गठित किये जाने की घोषणा हुई है।
  • लड़ाकू विमान का यह सौदा 7.87 अरब यूरो (करीब 59,000 करोड़ रुपए) का है। ऑफसेट अनुबंध के तहत संबंधित कंपनी को सौदे की राशि का एक निश्चित प्रतिशत लगाना पड़ता है।
  • समझौते में 50 प्रतिशत ऑफसेट बाध्यता है जो देश में अबतक का सबसे बड़ा ऑफसेट अनुबंध है।

ऑफसेट समझौते की खासियत

  • आफसेट समझौते का मुख्य बिंदु यह है कि 74 प्रतिशत भारत से आयात किया जाएगा। इसका मतलब है कि करीब 22,000 करोड़ रुपए का सीधा कारोबार होगा।
  • इसमें प्रौद्योगिकी साझेदारी की भी बात है जिस पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ चर्चा हो रही है। राफेल सौदे में अन्य कंपनियां भी हैं जिसमें फ्रांस की एमबीडीए तथा थेल्स शामिल हैं। इसके अलावा सैफरान भी आफसेट बाध्यता का हिस्सा है।

यह भी पढ़ें : 36 राफेल विमानों के सौदे को मिली सरकार से मंजूरी, 2019 में वायुसेना में होगा शामिल

PM के मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया अभियानों को मिलेगी रफ्तार

इनके अलावा सैफरॉन भी ऑफसेट बाध्यता का हिस्सा है। दोनों कंपनियों के संयुक्त बयान के अनुसार इन ऑफसेट बाध्यताओं के लागू करने में संयुक्त उद्यम दसो रिलायंस एयरोस्पेस प्रमुख कंपनी होगी। रिलायंस समूह रक्षा क्षेत्र में जनवरी 2015 में आया। ऐसे में यह समझौता समूह के लिए उत्साहजनक है। बयान के अनुसार, ‘नया संयुक्त उद्यम दसो रिलायंस एयरोस्पेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया अभियानों को गति देगा। साथ ही हाई टेक्नॉलजी ट्रांसफर के साथ बड़े भारतीय कार्यक्रम का विकास करेगा जिससे पूरे एयरोस्पेस क्षेत्र को लाभ होगा।’

परियोजनाओं के विकास पर होगा जोर

दसो और रिलायंस के बीच प्रस्तावित रणनीतिक भागीदारी में IDDM कार्यक्रम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित एवं विनिर्मित) के तहत परियोजनाओं के विकास पर जोर होगा। IDDM कार्यक्रम रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर की एक नई पहल है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement