नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) का खुदरा कारोबार अगले तीन से पांच वर्षों में 35-40 फीसदी की मजबूत सीएजीआर के साथ तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है। ये अनुमान बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में दिया गया है। वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नए ऊर्जा कारोबार में 75 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की जो योजना बनायी है उससे कंपनी के नए ऊर्जा कारोबार का कुल मूल्यांकन 36 अरब डॉलर या 2.6 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।
मुकेश अंबानी ने पिछले महीने कंपनी की सालाना आम बैठक में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कदम रखने की घोषणा की थी। उन्होंने सौर फोटोवोल्टिक सेल, हरित हाइड्रोजन, बिजली स्टोरज बैटरी और फ्यूल सेल के विनिर्माण को लेकर अगले तीन साल में बड़ी क्षमता के चार विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिये 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था। रिलायंस ने इसके अलावा सऊदी अरामको के चेयरमैन को निदेशक मंडल में शामिल करने और नए जियो स्मार्टफोन उतारने की घोषणा की थी। रिपोर्ट में कहा गया, "नए ऊर्जा क्षेत्र से रिलायंस का मूल्यांकन बढ़ सकता है। स्वच्छ ऊर्जा के लिए पूंजीगत व्यय के आधार पर रिलायंस का स्वच्छ ऊर्जा व्यवसाय 36 अरब डॉलर का हो सकता है।" इसके अलावा तेल से रसायन कारोबार का मूल्यांकन 69 अरब डॉलर, डिजिटल सेवाओं कारोबार का मूल्यांकन 66 अरब डॉलर और खुदरा व्यापार 81.2 अरब डॉलर का हो सकता है। जबकि तेल और गैस उत्खनन कारोबार 4.1 अरब डॉलर तथा मीडिया और अन्य क्षेत्रों के कारोबार मूल्यांकन करीब 3.7 अरब डॉलर है। कंपनी के कारोबार का कुल मूल्यांकन 261 अरब डॉलर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एजीएम में अन्य बड़ी घोषणाएं नए स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट की लॉन्चिंग और अरामको के चेयरमैन को आरआईएल बोर्ड में शामिल करना था, जो ओ2सी (Oil to Chemical) में स्पिन-ऑफ के लिए पॉजिटिव है। इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि ओ2सी मार्जिन में सुधार जारी है, जिससे अरामको निवेश की उम्मीदें बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस के लिये फंडिंग कोई समस्या नहीं है। कंपनी वित्त वर्ष 2022 में 65 हजार करोड़ रुपये कैश फ्लो उत्पन्न कर सकती है जो कि वित्त वर्ष 2026 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।