नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप ने कोविड-19 संकट के बीच अपने पेट्रोलियम प्रभाग में लागू वेतन कटौती खत्म कर दी है। कंपनी ने कर्मचारियों को काम के अनुसार बोनस भी देने का फैसला किया है। मामले की जानकारी रखने वाले दो व्यक्तियों ने बताया कि कंपनी ने कर्मचारियों को कोराना काल में काम करने के प्रति सद्भावना दर्शाते हुए उनको अगले साल के वैरियेबल वेतन में से 30 प्रतिशत अग्रिम देने की भी पेशकश की है। इस पेशकश से कंपनी के एक लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा।
कंपनी ने अप्रैल में अपने हाइड्रोकार्बन :पेट्रोलियम: प्रभाग में दस से 50 प्रतिशत तक वेतन कटौती लागू की थी। चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपना पूरा वेतन छोड़ दिया था। कंपनी ने नकद बोनस और काम पर आधारित प्रोत्साहन का भुगतान भी टाल दिया था। वह सामान्य तौर पर वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ये भुगतान करती है। सूत्रों ने कहा कि पेट्रोलियम प्रभाग में कटौती समाप्त करने के लिए कंपनी ने किसी और प्रभाग से पैसे का प्रबंध किया होगा। इस बारे में ईमेल से पूछे गए सवाल का कंपनी की ओर से कोई जवाब प्राप्त नहीं हो सका।
रिलायंस-फ्यूचर सौदे पर लगी रोक
अमेजन को अपने भारतीय साझेदार फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ रविवार को एक अंतरिम राहत मिली है। सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर ग्रुप को अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बेचने से अंतरिम रूप से रोक दिया है। फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये का सौदा कर रखा है। अमेजन पिछले साल फ्यूचर समूह की एक असूचीबद्ध कंपनी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुई थी। इसके साथ ही यह शर्त भी थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
इस बीच कर्ज में दबे किशोर बियानी के समूह ने अपने खुदरा स्टोर, थोक और लाजिस्टिक्स कारोबार को हाल में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने का करार कर लिया। इसके विरुद्ध अमेजन ने मध्यस्थता अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अमेजन का मानना है कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर उसके साथ करार का उल्लंघन किया है। यदि यह सौदा पूरा होता है तो रिलायंस को भारत के खुदरा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को करीब दोगुना करने में मदद मिलती।