नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने रिटेल ई-कॉमर्स में अपनी पकड़ मजबूत बनाने और अमेजन व फ्लिपकार्ट को कड़ी टक्कर देने के लिए कई ई-कॉमर्स कंपनियों का अधिग्रहण करने की योजना तैयार की है। इस योजना के जरिये अंबानी रिटेल ऑनलाइन सेक्टर में अपनी पहुंच को और अधिक मजबूत बनाना चाहते हैं। इसे भारत के हॉट ई-कॉमर्स रिटेल बाजार के लिए एक नई लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मंगलवार देर रात डिजिटल फार्मा प्लेटफॉर्म नेटमेड्स में अधिकांश हिस्सेदारी 620 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा की है। रिलायंस की यह घोषणा अमेजन द्वारा हाल ही में अमेजन फार्मेसी लॉन्च करने के बाद की है। आरआईएल इसके अलावा फर्नीचर आउटलेट अर्बन लैडर, लॉन्जरी ब्रांड जिवामे में भी हिस्सेदारी खरीदने या इनका अधिग्रहण करने के लिए बातचीत कर रही है।
खबरों के मुताबिक, रिलायंस जिवामे के लिए 16 करोड़ डॉलर का भुगतान कर सकती है, जबकि अर्बन लैडर सौदा तीन करोड़ डॉलर में हो सकता है। इसके अलावा चर्चा है कि रिलायंस दूध डिलीवरी कंपनी मिल्कबास्केट को भी खरीद सकती है। अंबानी ने जियो प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी बेचकर 20 अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है। वे इसका इस्तेमाल घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियों को खरीदने में कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि आरआईएल किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की रिटेल संपत्तियों के पूर्ण या कुछ हिस्सों का अधिग्रहण करने की भी तैयारी में है। आरआईएल ने पहले स्पष्ट किया था कि वह फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व्यवसायों के अधिग्रहण के लिए एक सौदे पर चल रही अटकलों और अफवाहों पर टिप्पणी करने में असमर्थ है। आरआईएल ने फ्यूचर ग्रुप के साथ संभावित सौदे पर स्टॉक एक्सचेंजों को स्पष्टीकरण में जवाब भी दिया। आरआईएल ने कहा कि स्पष्ट करना चाहेंगे कि हम मीडिया अटकलों और अफवाहों पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं और ऐसा करना हमारे लिए अनुचित होगा।