नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने नोटबंदी के बाद ईंधन के क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी वापस पाने के लिए फ्यूल की कीमतों में कटौती की है। दरअसल, नोटबंदी के बाद सरकारी पेट्रोल पंप 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट कुछ समय तक स्वीकार कर रहे थे और अब डिजिटल पेमेंट पर 0.75 फीसदी का डिस्काउंट ऑफर कर रहे हैं। इकॉनोमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अब रिलायंस के पेट्रोल पंप अपने ग्राहकों को सरकारी पेट्रोल पंपों के मुकाबले डीजल पर एक रुपए तक का डिस्काउंट दे रहे हैं।
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इंडियन ऑयल के चेयरमैन ने इकॉनोमिक टाइम्स को बताया
रिलायंस द्वारा दिया जाने वाला डिस्काउंट इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि सरकारी कंपनियां डिस्काउंट स्कीम उपलब्ध करा रही है। अगर इससे प्रतिस्पर्धा का कोई नया दबाव बनता है तो हम जवाब देंगे। प्रत्येक बाजार की अपनी अलग धारणाएं होती हैं, इसलिए हम उसके अनुसार ही प्रतिक्रिया देंगे।
रिलायंस पेट्रोल पंपों द्वारा डीजल प्राइस पर डिस्काउंट देने से सरकारी कंपनियों को चिंता
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पहले ही एक सप्ताह से रिलायंस के पेट्रोल पंपों द्वारा डीजल की कीमत पर दी जा रही एक रुपए की छूट से चिंतित हैं। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के एक अधिकारी ने बताया कि रिलायंस के पेट्रोल पंपों की हिस्सेदारी निश्चित रूप से उन बाजार में बढ़ी हैं जहां वे ऑपरेट कर रहे हैं। 7 जनवरी को बेंगलुरू में होने वाली बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि रिलायंस के इस कदम के लिए हमें क्या उपाय करने चाहिए।
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- देश भर में फिलहाल रिलायंस इंडस्ट्रीज के 1100 पेट्रोल पंप ही काम कर रहे है।
- इसमें भी खासकर गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में है।
- माना जा रहा है कि फ्यूल पर डिस्काउंट के बाद कंपनी की सेल्स में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज ने डीजल के दाम कम करने को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।
- आपको बता दें कि नोटबंदी के बावजूद 15 दिसंबर तक पेट्रोल पंप पर पुराने 500-1000 रुपए के नोटों का इस्तेमाल जारी रहने से पेट्रोल और डीजल की सेल्स में जोरदार उछाल देखने को मिला था।