नई दिल्ली। टेलीकॉम ऑपरेटर रिलायंस जियो ने कहा कि उसने कृत्रिम मेधा कंपनी हैप्टिक का 700 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस सौदे के बाद रिलायंस की कंपनी में करीब 87 प्रतिशत, जबकि शेष हिस्सेदारी हैप्टिक संस्थापकों और कर्मचारियों के पास होगी।
रिलायंस जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने कहा कि हम इस भागीदारी की घोषणा कर खुश हैं और हैप्टिक की अनुभवी टीम के साथ काम करने को लेकर नजरिया सकारात्मक है। व्यापार हस्तांतरण समझौते पर रिलायंस जियो डिजिटल सर्विसेज लि. तथा हैप्टिक इन्फोटेक प्राइवेट लि. ने हस्ताक्षर किए। बयान के अनुसार यह सौदा करीब 700 करोड़ रुपए का है। इसमें वृद्धि और विस्तार के लिए निवेश शामिल है।
ऑप्टिकल फाइबर, टॉवर इकाई का नियंत्रण रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स को दिया
रिलायंस जियो ने अपनी फाइबर और मोबाइल टॉवर इकाइयों को दो बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट को हस्तांतरित किया है। इन न्यासों का गठन रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लि. (आरआईआईएचएल) ने किया है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा है कि उसकी ऑप्टिकल फाइबर केबल इकाई जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लि. (जेडीएफपीएल) ने अपने 500 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर 31 मार्च 2019 को रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. (आरजेआईएल) को आबंटित किए।
साथ ही मोबाइल टॉवर इकाई रिलायंस जियो इंफ्राटेल प्राइवेट लि. (आरजेआईपीएल) ने भी 200 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर आरजेआईएल को हस्तांतरित किए है। उसी दिन डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट ने जेडीएफपीएल की 51 प्रतिशत शेयर पूंजी 262.65 करोड़ रुपए में खरीदकर उसका अधिग्रहण किया। इसके अलावा, टॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट ने 109.65 करोड़ रुपए में आरजेआईपीएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदकर उसका अधिग्रहण किया है। दोनों ट्रस्ट का गठन आरआईआईएचएल ने किया है। यह आरआईएल की पूर्ण अनुषंगी है।