नई दिल्ली। वित्तीय सेवा व शोध फर्म क्रेडिट सुइस इक्विटी रिसर्च ने विभिन्न शहरों में डाटा नेटवर्क (मोबाइल इंटरनेट) सर्वेक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट में कहा है कि नेटवर्क कवरेज के लिहाज से रिलायंस जियो अन्य कंपनियों से काफी आगे है। वहीं दूसरी ओर दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि रिलायंस जियो की शुल्क दर योजनाएं उसके नियमों व मौजूदा शुल्क दर आदेशों के अनुरूप हैं।
क्रेडिट सुइस ने 30 से अधिक शहरों में इस बारे में कराए गए अध्ययन के आधार पर तैयार रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि सर्वे में शामिल 80 प्रतिशत शहरों में जियो की नेटवर्क कवरेज अच्छी है।
- जबकि अन्य कंपनियों का नेटवर्क कवरेज केवल 30 प्रतिशत शहरों में अच्छी श्रेणी का है।
- फर्म ने सभी प्रमुख राज्यों की राजधानियों सहित अन्य मुख्य शहरों को इस अध्ययन में शामिल करते हुए नेटवर्क कवरेज व स्पीड का आकलन किया था।
- अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि जियो की दूरसंचार सेवाओं का असर मौजूदा कंपनियों पर नजर आ रहा है और इन कंपनियों को दौड़ में बने रहने के लिए विशेषकर 4जी खंड में काफी कुछ करना होगा।
- 4जी में डाउनलोड स्पीड के लिहाज से आमतौर पर एयरटेल 12 एमबीपीएस से ज्यादा स्पीड के साथ आगे है।
- वहीं वोडाफोन, आइडिया व जियो लगभग एक ही दायरे में 7-8 एमबीपीएस स्पीड में है।
- इस समय देश में कुल डेटा ट्रेफिक में से 90 प्रतिशत से ज्यादा डेटा जियो के नेटवर्क के जरिए जा रहा है।
रिलायंस जियो के टैरिफ प्लान नियमानुसार: ट्राई
- दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज कहा कि रिलायंस जियो की शुल्क दर योजनाएं उसके नियमों व मौजूदा शुल्क दर आदेशों के अनुरूप ही है।
- सूत्रों के अनुसार ट्राई इस बारे में शीघ्र ही मौजूदा कंपनी भारती एयरटेल व आइडिया सेल्यूलर को सूचित कर सकता है।
- इन कंपनियों ने रिलायंस जियो की सभी सेवाओं की नि:शुल्क पेशकश को 90 दिन के बाद भी जारी रखे जाने को चुनौती दी थी।
- कंपनी की इस पेशकश की अवधि 31 दिसंबर 2016 को बढ़ाई थी, जिसे उसने बढ़ाकर अब मार्च 2017 के आखिर तक कर दिया है।
- सूत्रों ने कहा, ट्राई ने शुल्क दरों की समीक्षा की और पाया कि शुल्क दर नियमों व मौजूदा शुल्क दर आदेशों के अनुकूल ही है।
- उल्लेखनीय है अटॉर्नी जनरल ने भी हाल ही में ट्राई को बताया था कि रिलायंस जियो की शुल्क दर योजनाएं मौजूदा नियमों या नियामक के किसी आदेश का उल्लंघन नहीं करती इसलिए ट्राई को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
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- टीडीसैट में कल हुई सुनवाई के दौरान ट्राई के वकील ने कहा कि नियामक ने इस मुद्दे पर फैसला पहले ही कर लिया है।
- टीडीसैट ने ट्राई से अपने फैसले के बारे में सूचित करने को कहा। मामले में अब छह फरवरी को सुनवाई होगी।