नई दिल्ली। भारी कर्ज के बोझ से दबे अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को महाराष्ट्र सरकार से एक बड़ा ठेका हासिल हुआ है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बुधवार को बताया कि उसे मुंबई में महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएसआरडीसी) से वरसोवा-बांद्रा सीलिंक परियोजना का ठेका हासिल हुआ है। इस परियोजना की लागत 7,000 करोड़ रुपए है।
वरसोवा-बांद्रा सीलिंक एक बड़ी परियोजना है, जिसकी लंबाई 17.17 किलोमीटर है। यह बांद्रा-वर्ली सीलिंक से तीन गुना अधिक लंबी परियोजना है। बांद्रा-वर्ली सीलिंक की लंबाई 5.6 किलोमीटर है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बीएसई फाइलिंग में कहा है कि रिलायंस इंफ्रा इस परियोजना को 24 जून 2019 को मिले ऑर्डर दिनांक से 60 माह में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने कहा कि वरसोवा-बांद्रा सीलिंक से यात्रा का समय 90 मिनट से घटकर 10 मिनट रह जाएगा।
पिछले हफ्ते, रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की लॉन्ग-टर्म इश्यूर रेटिंग को घटाकर डी कर दिया था। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी के ऑडिटर्स ने वित्तीय परिणामों पर नकारात्मक टिप्पणी की थी और कंपनी के परिचालन चालू रहने पर अपनी आशंका व्यक्त की थी।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को वित्त वर्ष 2018-19 की 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 3,301 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 133,66 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। वार्षिक आधार पर, 2018-19 में कंपनी को 2,426.82 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 2017-18 में कंपनी को 1255.50 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।