नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले हफ्ते E-Commerce कारोबार में उतरने की जो घोषणा की थी, उसकी योजना 3 साल पहले ही शुरू कर दी गई थी। अंग्रेजी समचारा बिजनेस स्टैंडर्ड पर छपी खबर के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्री ने जब रिलायंस जियो का साफ्ट लॉन्च किया था, उसी समय E-Commerce पर काम शुरू कर दिया था, अखबार ने यह खबर मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से छापी है।
खबर के मुताबिक E-Commerce कारोबार में देरी से एंट्री लेने वाला रिलायंस इंडस्ट्री इस प्रोजेक्ट पर दिन रात काम कर रही है और सितंबर तक इसको लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है, यानि 2 महीने में रिलायंस इंड्स्ट्री अपने E-Commerce कारोबार को लॉन्च कर सकती है। खबर के मुताबिक सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि इसके लिए देशभर में करीब 50 वेयरहाउसों को तैयार किया जा रहा है।
खबर के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्री का E-Commerce कारोबार इनवेंट्री आधारित मॉडल पर शुरू कुया जाएगा न कि एग्रीगेटर आधारित मॉडल पर, मौजूदा समय में Amazon और Flipkart भारत में एग्रिगेटर आधारित मॉडल पर यह कारोबार कर रहे हैं क्योंकि विदेशों में भी इन कंपनियों का यही मॉडल है और भारत में इनवेंट्री आधारित E-Commerce कारोबार के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी भी नहीं है।
खबर के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्री ग्रुप अब अपने 30 लाख छोटे व्यापारियों को क्लाउड आधारित सेवा के साथ जोड़ने वाली योजना को अंतिम रूप दे रहा है। इन 30 लाख व्यापारियों के अलावा ग्रुप अपने 7500 स्टोर और उनके 35 करोड़ ग्राहकों के नेटवर्क का भी इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा रिलायंस जियो से जुड़े करीब 21.5 करोड़ उपभोक्ता भी इसकी नजर में हैं। E-Commerce के लिए जरूरी डिजिटल वॉलेट को कंपनी पहले ही JioMoney के तौर पर लॉन्च कर चुकी है।
खबर के मुताबिक सितंबर तक अपने E-Commerce कारोबार को शुरू करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रुप पहले ही डिलवरी और लॉजिस्टिक सेवा देने वाली बड़ी कंपनियों के साथ बात कर रहा है।