नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) के जरिए 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। देश का यह प्रमुख औद्योगिक घराना अपने मौजूदा महंगे कर्ज को सस्ते ऋण से बदलने तथा दूरसंचार क्षेत्र में अपनी आक्रामक विस्तार योजनाओं की फाइनेंसिंग के लिए उक्त धन जुटाना चाहता है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने निजी नियोजन आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) निर्गम के लिए अपने शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है।
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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस बारे में शेयर बाजारों को नोटिस के जरिए सूचित किया है। इसमें कहा गया है कि कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) 21 जुलाई को होगी जिसमें धन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार होगा। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने 2015-16 में राइट्स निर्गम के जरिए 30,000 करोड़ रुपए जुटाए थे। कंपनी ने इसी साल जनवरी में कहा कि कहा कि वह रिलायंस जियो इन्फोकॉम में निवेश के लिए राइट्स इश्यू के जरिए 30,000 करोड़ रुपए और जुटाएगी।
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रिलायंस इंडस्ट्रीज दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी का परिचालन जामनगर में करती है। कंपनी अपनी नयी दूरसंचार इकाई जियो के लिए नेटवर्क आदि स्थापित करने में 25 अरब डॉलर पहले ही लगा चुकी है।