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RIL ने किया 2014-19 के दौरान सबसे अधिक संपत्ति का निर्माण, 5.6 लाख करोड़ रुपए की नई संपत्ति जोड़ी

इंडियाबुल्स सबसे तेजी से संपदा का सृजन करने वाली कंपनी रही। लगातार दूसरी बार उसने यह उपलब्धि हासिल की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 19, 2019 12:17 IST
Reliance Industries biggest wealth creator during 2014-19- India TV Paisa

Reliance Industries biggest wealth creator during 2014-19

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2014-19 के दौरान सबसे अधिक संपदा का सृजन किया है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की संपत्तियों में 5.6 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। मोतीलाल ओसवाल के वार्षिक संपदा सृजन अध्ययन, 2019 के अनुसार 2014-19 के दौरान संपदा सृजन में शीर्ष 100 स्थानों पर रहने वाली कंपनियों ने कुल मिलाकर 49 लाख करोड़ रुपए की संपत्तियों का सृजन किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सात साल के अंतराल के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज एक बार फिर से सबसे अधिक संपत्ति का सृजन करने वाली कंपनी के रूप में उभरी है। इस दौरान कंपनी ने 5.6 लाख करोड़ रुपए की संपत्तियों का सृजन किया, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इसमें कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियाबुल्स वेंचर्स और इंडसइंड बैंक क्रमश: सबसे अधिक, तेजी से और सतत तरीके से संपत्तियों का सृजन करने वाली कंपनियां रही हैं।

इंडियाबुल्स सबसे तेजी से संपदा का सृजन करने वाली कंपनी रही। लगातार दूसरी बार उसने यह उपलब्धि हासिल की है। उसकी संपत्तियां सालाना 78 प्रतिशत की दर से बढ़ीं। रिपोर्ट कहती है कि बजाज फाइनेंस ने विशिष्ट उपलब्धि हासिल की है। वह सबसे अधिक संपत्तियों का सृजन करने के मामले में शीर्ष दस में है। साथ ही सबसे तेजी से संपत्तियों के सृजन में भी वह शीर्ष दस में है।

इसके अलावा इंडसइंड बैंक सबसे सतत तरीके से संपत्तियों का सृजन करने वाला रहा। 2009-19 की दस साल की अवधि में इंडसइंड बैंक का सालाना आधार पर संपदा सृजन 49 प्रतिशत रहा। 2014-19 के दौरान सेंसेक्स सालाना 12 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि इस दौरान संपदा सृजन सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की दर से बढ़ा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का 2014-19 के दौरान संपदा सृजन को लेकर प्रदर्शन कमजोर रहा। शीर्ष 100 संपदा सृजन कंपनियों में से सिर्फ नौ ही सार्वजनिक क्षेत्र की थीं।

इनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल), पावरग्रिड कॉरपोरेशन, पेट्रोनेट एलएनजी, इंद्रप्रस्थ गैस, एलआईसी हाउसिंग, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एनबीसीसी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2014-19 के दौरन कुल 8.6 लाख करोड़ रुपए की संपत्तियों का मूल्य नष्ट हुआ।

पिछले साल के अध्ययन की तरह इस बार भी वित्तीय क्षेत्र सबसे अधिक संपदा का सृजन करने वाला और सबसे अधिक संपत्तियां नष्ट करने वाला रहा। निजी बैंकों और एनबीएफसी के योगदान से निजी क्षेत्र ने संपदा का सृजन किया। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वजह से उसकी संपत्तियों का मूल्य नष्ट हुआ। संपत्ति सृजन का आकलन 2014-19 के बीच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बदलाव, इकाइयों के विलय और अलग होने, नई पूंजी जारी किए जाने, पुनर्खरीद समेत अन्य कारकों को समायोजित करके किया गया है।

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