नई दिल्ली। शहर गैस वितरण लाइसेंस के लिए अडाणी समूह ने आज सबसे अधिक 52 शहरों के लिए बोली लगाई। वहीं रिलायंस-बीपी के संयुक्त उद्यम ने पूरी प्रक्रिया पर बारीकी से गौर करने के बाद अंतिम समय पर अपने को इससे अलग रखने का फैसला किया।
इस दौर में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने 13 शहरों में गैस वितरण के लिए बोली जमा कराई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया लिमिटेड की शहर गैस वितरण इकाई गेल गैस लिमिटेड ने करीब 30 शहरों के लिए बोली जमा कराई है। अडाणी गैस लिमिटेड ने 32 शहरों के लिए खुद बोली जमा कराई है। साथ ही उसने 20 शहरों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ संयुक्त उद्यम में मिल कर बोली लगाई है।
शहर गैस के खुदरा करोबार के लाइसेंस के लिए अब तक की सबसे बड़ी निविदा के तहत 22 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 174 जिलों में सीएनजी और पाइप के जरिये आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस के लिए कुल 86 परमिट दिए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि ब्रिटेन की बीपी पीएलसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के 50:50 प्रतिशत भागीदारी की संयुक्त उद्यम इंडिया गैस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के पहली बार शहर गैस वितरण क्षेत्र में उतरने की चर्चा थी, लेकिन अंतिम समय पर उसने यह योजना छोड़ दी। बोलियां आज शाम बंद हो गईं।
सूत्रों ने बताया कि इंडिया गैस सॉल्यूशंस का गठन भारत में प्राकृतिक गैस के खुदरा कारोबार के लिए किया गया था। यह कंपनी 15 शहरों के लिए लाइसेंस चाहती थी लेकिन उसकी ओर से कोई बोली जमा नहीं की गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सीएनजी और पीएनजी का वितरण करने वाली आईजीएल ने 13 शहरों के लिए बोली लगाई है।
एस्सल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स ने कुल सात बोलियां जमा कराई हैं। गेल की अन्य अनुषंगियों महानगर गैस लिमिटेड और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) ने भी बोलियां जमा की हैं। शहर गैस वितरण लाइसेंस मध्य प्रदेश के भोपाल, महाराष्ट्र के अहमदनगर, पंजाब के लुधियाना और जालंधर, राजस्थान के बाड़मेर, अलवर और कोटा, तमिलनाडु के कोयम्बटूर और सलेम, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, फैजाबाद, अमेठी तथा रायबरेली, उत्तराखंड के देहरादून तथा पश्चिम बंगाल के बर्दवान शहरों के लिए दिए जाने हैं।