मुंबई। रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर लि. (आरइंफ्रा) के नियंत्रण वाली रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लि. (आरडीइएल) ने अमेरिकी नौसेना के साथ उनके सातवें बेड़े के जहाजों के रखरखाव के लिए मास्टर शिप रिपेयर एग्रीमेंट (एमएसआरए) पर हस्ताक्षर किया है। गुजरात के पीपावॉव में स्थित रिलायंस के शिपयार्ड को जनवरी में अमेरिकी नौसेना के लिए जटिल मरम्मत और प्रत्यावर्तन सेवा के योग्य ठेकेदार करार दिया गया है।
रिलायंस शिपयार्ड को भारत में सबसे पहले अमेरिका के सातवें बेड़े के जहाजों के लिए सर्विसिंग और मरम्मत का काम शुरू करने के लिए एमएसआरए प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है।
रिलायंस इंफ्रा ने एक बयान में कहा, “रिलायंस शिपयार्ड का चयन अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले साल अक्टूबर में विस्तृत साइट सर्वेक्षण के बाद चयनित किया गया। अमेरिकी नौसेना द्वारा किया गया यह चयन रिलायंस शिपयार्ड के विश्वस्तरीय सुविधाएं, प्रकियाएं और उच्चस्तरीय क्षमता सच्ची मान्यता प्रदान करता है।”
तस्वीरों में देखिए चीन का पहला बड़ा स्वदेशी विमान
China C919
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रिलायंस डिफेंस के तीसरी तिमाही का शुद्ध घाटा घटकर 133 करोड़ रुपए रह गया
- रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड का शुद्ध एकीकृत शुद्ध घाटा 31 दिसंबर 2016 को समाप्त तिमाही में घटकर 132.7 करोड़ रुपए रह गया।
- इस दौरान कंपनी की परिचालन आय में बढोरती दर्ज की गई।
- कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को आज तिमाही नतीजों की सूचना दी।
- पूर्व वित्तवर्ष की समान तिमाही में इसे 293.6 करोड़ रुपए का 293.6 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था।
- कंपनी को परिचालन से होने वाली आय दोगुने से भी बढ़कर 122.7 करोड़ रुपए हो गया जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 51.4 करोड़ रुपए था।