मुंबई। जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी देने का काम रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को मिलने के बाद विवाद खड़ा होने पर कंपनी ने अपना रुख स्पष्ट किया है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने शनिवार को कहा कि उसे कठोर और पारदर्शी प्रतिस्पर्धा निविदा प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह ठेका मिला है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के बीमा का काम अनिल अंबानी की कंपनी को मिलने के बाद उस पर निशाना साधा था। कंपनी ने शनिवार को बयान जारी करके इस पर सफाई दी। कंपनी ने बयान में कहा, "हमें 'जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री की ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी' के तहत कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा देने का अनुबंध मिला है। राज्य सरकार के निर्धारित दिशानिर्देशों की कसौटी पर कई बोलीदाताओं का वित्तीय एवं तकनीकी मूल्यांकन करने और कड़े एवं प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के बाद हमें यह प्राप्त हुआ है।"
कंपनी का दावा है कि उसका प्रस्ताव सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी था और अन्य प्रस्तावों से करीब 35 प्रतिशत कम था। राहुल गांधी ने शुक्रवार अपने ट्वीट में कहा, "जब प्रधानमंत्री आपका सबसे अच्छा दोस्त (बीएफएफ) हो, तो आपको बिना किसी जरूरी अनुभव के 1,30,000 करोड़ रुपये का राफेल सौदा मिल सकता है। लेकिन जरा रुकिए कुछ और भी है! जम्मू-कश्मीर सरकार के चार लाख कर्मचारियों को सिर्फ आपकी कंपनी से बीमा कराने के लिए मजबूर किया जाएगा।"