नई दिल्ली। रिलायंस कैपिटल को अपने हाउसिंग लोन कारोबार को अलग करने को लेकर शेयरधारकों की बैठक बुलाने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से मंजूरी मिल गई है। इस कदम से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) की अलग से सूचीबद्धता का रास्ता सुगम होगा। कंपनी को पहले ही बंबई स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से इस बारे में अनापात्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है। रिलायंस कैपिटल ने कहा कि रिलायंस होम फाइनेंस की लिस्टिंग सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है।
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रिलायंस होम फाइनेंस की सूचीबद्धता के बाद रिलायंस कैपिटल में प्रत्येक एक शेयर के लिए शेयरधारकों को कंपनी का एक शेयर मिलेगा। रिलायंस कैपिटल ने नियामकीय सूचना में कहा कि प्रस्ताव से सभी मौजूदा शेयरधारकों के शेयर का मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और इससे रिलायंस कैपिटल के करीब 10 लाख शेयरधारकों को लाभ होगा।
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कंपनी के शेयरधारकों की 24 जुलाई को बैठक होगी जिसमें कंपनी के रियल एस्टेट कर्ज कारोबार को अलग कर उसे पूर्ण अनुषंगी रिलायंस होम फाइनेंस के रूप में अलग करने पर विचार किया जाएगा।