नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की एनर्जी कंपनी बीपी पीएलसी ने भारत में संयुक्तरूप जियो-बीपी ब्रांड से पेट्रोल पंप नेटवर्क का विस्तार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत कंपनी के पेट्रोल पंपों की संख्या मौजूदा 1400 से बढ़ाकर 5500 की जाएगी।
कंपनी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरआईएल और बीपी ने भारत में नए ईंधन ब्रांड क्षेत्र में संयुक्त उद्यम की स्थापना के लिए एक बाध्यकारी समझौता किया है। यह समझौता इससे पहले अगस्त में हुए शुरुआती समझौते से अलग है। इसमें कहा गया है कि जरूरी नियामकीय और अन्य मंजूरियां मिलने पर यह संयुक्त उद्यम 2020 की पहली छमाही में बन जाएगा।
रिलायंस के वर्तमान में 1400 पेट्रोल पंप हैं। इसके अलावा कुछ हवाईअड्डों पर लगभग 30 विमान ईंधन स्टेशन भी हैं। इनका आरआईएल-बीपी के नए संयुक्त उद्यम द्वारा अधिग्रहण कर लिया जाएगा और भविष्य में इस नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। इस नए संयुक्त उद्यम में आरआईएल के पास 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि बीपी के पास 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
आरआईएल ने अगस्त में कहा था कि बीपी उसके मौजूदा पेट्रोल पंप कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 7,000 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी। रिलायंस और बीपी के बीच 2011 के बाद से यह तीसरा संयुक्त उद्यम समझौता है। इससे पहले 2011 में बीपी ने रिलायंस के 21 तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन ब्लॉक में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। यह हिस्सेदारी 7.2 अरब डॉलर में खरीदी गई थी।
उस समय एक अन्य 50:50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया गया था। इंडिया गैस सॉल्यूशंस नाम का यह संयुक्त उद्यम भारत में गैस की प्राप्ति और विपणन के लिए बनाया गया है।
देश में वर्तमान में 66,408 पेट्रोल पंप हैं, जिसमें से सार्वजनिक कंपनियों के 59,831 पंप हैं। सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों की योजना अपने इस नेटवर्क को दोगुना करने की है। रूस की रोजनेफ्ट प्रवर्तित नायरा एनर्जी, पूर्व में एस्सार ऑयल, के पास 5,453 पेट्रोल पंप हैं और उसकी योजना अगले दो-तीन साल में इनकी संख्या बढ़ाकर 7,000 करने की है।
रॉयल डच शेल के पास 167 पेट्रोल पंप हैं और वह 150-200 नए पेट्रोल पंप खोलने जा रही है। बीपी ने 2016 में भारत में 3500 पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए सरकार से लाइसेंस हासिल किया था, लेकिन उसने इस परियोजना पर काम शुरू नहीं किया। फ्रांस की एनर्जी कंपनी टोटल एसए भी भारत के पेट्रोल रिटेल बाजार में प्रवेश करना चाहती है और इसके लिए उसने अडानी ग्रुप के साथ समझौता किया है।