नई दिल्ली। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवासीय संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अक्टूबर में सालाना आधार पर 36 प्रतिशत बढ़कर 7,929 यूनिट पर पहुंच गया है। नाइट फ्रैंक की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी सीजन की मांग तथा महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती से आवासीय संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। नाइट फ्रैंक इंडिया की मुंबई के आवासीय क्षेत्र पर अक्टूबर, 2020 की रिपोर्ट में एमएमआर में घरों की बिक्री का विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर, 2020 में माह-दर-माह आधार पर घरों का पंजीकरण 42 प्रतिशत बढ़ा है। सालाना आधार पर इसमें 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नाइट फ्रैंक ने कहा कि अक्टूबर में घरों की बिक्री 7,929 इकाई रही। नवरात्रि और दशहरा के त्योहारों के साथ स्टाम्प शुल्क में तीन प्रतिशत की कटौती ने सबसे बड़े उत्प्रेरक के रूप में काम किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती से भी घरों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। कोराना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से अप्रैल-जून में आवासीय संपत्तियों की बिक्री में जबर्दस्त गिरावट आई थी। नाइट फ्रैंक ने कहा कि अक्टूबर में मुंबई में 7,929 आवासीय संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हुआ। यह पिछले आठ साल में अक्टूबर में आवासीय संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। अक्टूबर, 2019 में 5,811 आवासीय इकाइयों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। अप्रैल में लॉकडाउन की वजह से आवासीय संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन शून्य रहा था। मई में 207 इकाइयों का पंजीकरण हुआ था। जून में 1,839, जुलाई में 2,662, अगस्त में 2,642 और सितंबर में 5,597 इकाइयों का पंजीकरण हुआ था। सितंबर-अक्टूबर में स्टाम्प शुल्क में कटौती की वजह से मुंबई में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 13,526 इकाई रही है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्टाम्प शुल्क में कटौती से मुंबई महानगर क्षेत्र में घरों की बिक्री पटरी पर लौट आई है। स्टाम्प शुल्क में कटौती से विशेषरूप अंतिम प्रयोगकर्ता ग्राहकों की मांग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’’