नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) में पंजीकृत इकाइयां जीएसटी पहचान संख्या (GSTN) में पंजीकृत ईमेल तथा मोबाइल नंबर बदलने के लिए वैध दस्तावेजों के साथ अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। राजस्व विभाग को कुछ पंजीकृत इकाइयों से शिकायतें मिली थीं कि पंजीयन के लिए उनकी ओर से पंजीकरण के आवेदन के लिए प्राधिकृत बिचौलियों ने उस दौरान अपने खुद के ईमेल पतों एवं मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया था। अब वे उन्हें उपयोक्ता (यूजर) संबंधी विवरण नहीं दे रहे हैं।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि करदाताओं की इन दिक्कतों को दूर करने के लिए जीएसटी प्रणाली में प्राधिकृत अधोहस्ताक्षरी का ईमेल एवं मोबाइल नंबर अपडेट करने की सुविधा दी गयी है। ईमेल एवं मोबाइल नंबर को करदाता के संबंधित न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी के मार्फत अपडेट किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि करदाता अपने न्यायाधिकार क्षेत्र के कर अधिकारी से मिलकर अपने कारोबार को आवंटित जीएसटी पहचान संख्या के लिए पासवर्ड ले सकते हैं। करदाता जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध ‘सर्च टैक्सपेयर’ विकल्प के जरिये अपना न्यायाधिकार क्षेत्र जान सकते हैं।
करदाताओं को जीएसटी पहचान संख्या से संबंधित कारोबारी जानकारियों को सत्यापित करने तथा अपनी पहचान के लिए कर अधिकारी को वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। इसके बाद अधिकारी गतिविधियों को प्राधिकृत कर करदाता द्वारा मुहैया कराये गये ईमेल एवं मोबाइल नंबर अपडेट कर देंगे।
दस्तावेज को अपलोड करने के बाद कर अधिकारी जीएसटी पहचान संख्या का पासवर्ड प्रणाली में बदल देंगे। इसके बाद कर अधिकारी ईमेल आईडी के जरिये करदाता को यूजरनेम तथा तात्कालिक पासवर्ड की जानकारी भेज देंगे। करदाता को इस यूजरनेम और तात्कालिक पासवर्ड के साथ पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। कर दाता इसके बाद यूजनरेम और पासवर्ड बदल सकेंगे।