मुंबई। नीतिगत दर में कटौती के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के पाले में गेंद डाल दिया है। उन्होंने बिल्डरों से मकानों के दाम कम करने को कहा ताकि ज्यादा लोग संपत्ति खरीदने के लिए प्रोत्साहित हों। आवासीय परियोजनाओं की कम मांग के साथ डेवलपरों के पास बिना बिके मकानों की बढ़ती संख्या के बीच राजन ने यह बात कही है। वाई बी चव्हाण स्मृति व्याख्यानमाला में राजन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अब जब ब्याज दरें नीचे आ रही है, लोग कर्ज के लिए आगे आएंगे और खरीदारी बढ़ेगी। और मुझे यह भी उम्मीद है कि कीमतों में इस रूप से समायोजन होगा जिससे लोग मकान खरीदने के लिए प्रोत्साहित हों।
रिजर्व बैंक पिछले वर्ष जनवरी से ब्याज दरों में 1.5 फीसदी की कटौती कर चुका है और इस महीने की शुरूआत में रेपो दर 0.25 फीसदी घटाकर 6.5 फीसदी कर दिया जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है। वहीं दूसरी तरफ बैंकों ने ग्राहकों को उतना लाभ नहीं दिया जितना कि रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में कटौती की। राजन के अनुसार ब्याज दरों के अलावा प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत सस्ते मकान के लिये कर्ज जैसे उपायों से उन्हें विश्वास है कि कर्ज के मोर्चे पर चिंताओं का समाधान किया गया है। उन्होंने डेवलपरों के कर्ज के मामले में उन्होंने कर्ज लेने वालों की तरफ से पारदर्शिता की वकालत की।
रघुराम राजन ने जोर देकर कहा कि जमीन अधिग्रहण, निर्माण तथा बिक्री के मामले में रियल एस्टेट में पारदिर्शता की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि लाइसेंस प्राप्त करने के बाद कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक (सीएसएफबी) ने कामकाज शुरू कर दिया है। इसके साथ देश में अलग-अलग तरह के बैंकों का युग शुरू हो गया हैं सीएसएफबी को पहले कैपिटल लोकल एरिया बैंक के नाम से जाना जाता था। उसे हाल ही में लाइसेंस मिला। वह पहला लघु वित्त बैंक हैं और भारतीय एयरटेल के भुगतान बैंक के बाद दूसरा अलग बैंक है जिसने कामकाज शुरू किया है।