नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने महंगे होते पेट्रोल-डीजल से राहत दिलाने और आयात बिल को कम करने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने जैव ईंधन को बढ़ावा देने की अपनी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस साल पेट्रोल में रिकॉर्ड 140 करोड़ लीटर एथेनॉल मिलाया जाएगा। सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम कर कृषि उपज से निकलने वाले पदार्थों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए यह शुरुआत की है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यहां यूरोपियन यूनियन-इंडिया कांफ्रेंस ऑन एडवांस्ड बायोफ्यूल्स को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 में 66.5 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति के साथ ही हमने पेट्रोल में 2.1 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण किया।
वर्ष के दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखा पड़ने से गन्ने की फसल प्रभावित हुई जिससे सीरे की उपलब्धता कमजोर रही। सरकार ने पेट्रोल में10 प्रतिशत तक एथेनॉल मिलाने की अनुमति दी है। एथेनॉल गन्ने से प्राप्त होता है। हालांकि, बड़ी मात्रा में इसकी आपूर्ति को लेकर चिंता बनी रहती है। इसके वांछित लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है। प्रधान ने कहा कि 2017- 18 के दौरान 139.5 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति का आश्वासन दिया गया है। इतनी मात्रा में एथेनॉल मिलने से हम चार प्रतिशत तक मिश्रण कर सकेंगे।
पेट्रोल में मिलाने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में एथेनॉल की खरीदारी पहले कभी नहीं की गई थी। वर्ष 2013-14 आपूर्ति वर्ष में 38 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की गई थी, जो 2015- 16 में बढ़कर 111 करोड़ लीटर हो गई। प्रधान ने कहा कि जैव-ईंधन के अधिकाधिक इस्तेमाल से 2022 तक पेट्रोलियम आयात बिल में 10 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
प्रधान ने बताया कि सरकार जैव ईंधन से जुड़ी एक नई राष्ट्रीय नीति पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। केंद्र सरकार आने वाले वक्त में 12 आधुनिक बायोफ्यूल रिफाइनरी लगाने वाली है।