नई दिल्ली: सरकार ने शनिवार को कहा कि सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले 50 दिन के चरण का क्रियान्वयन ‘जबर्दस्त सफल’ रहा है। इसके साथ ही सरकार ने सर्राफा कारोबारियों के निकाय जीजेसी से 23 अगस्त को हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या) के साथ सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग को सरकार द्वारा ‘मनमाने’ तरीके से क्रियान्वयन के फैसले के खिलाफ 23 अगस्त को राष्ट्रव्यापी 'सांकेतिक हड़ताल' का आह्वान किया है।
सोने की हॉलमार्किंग को 16 जून से चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य किया गया है। सरकार ने पहले चरण के क्रियान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है। बहुमूल्य धातु की शुद्धता का प्रमाणीकरण यानी हॉलमार्किंग 16 जून से पहले स्वैच्छिक थी। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने आभासी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मैंने सुना है कि कुछ संघों ने हड़ताल का आह्वान किया है। हड़ताल किसलिए? सरकार अंशधारकों द्वारा उठाए गए हर मुद्दे को सुन रही है। हड़ताल का विचार अनावश्यक है।’’
19 अगस्त को इस उद्योग जगत के अंशधारकों के साथ हाल ही में हुई बैठक में तिवारी ने कहा कि कई ज्वेलर्स एसोसिएशन ने हड़ताल का विरोध किया था और कहा था कि वे नई एचयूआईडी प्रणाली का समर्थन करते हैं क्योंकि यह देश में छोटे और मध्यम सर्राफा कारोबारियों के लिए एक ब्रांड नाम बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कुछ लोगों (आभूषणों) को समस्या है, तो उसका कोई आधार नहीं है। जो लोग हड़ताल के बारे में सोच रहे हैं, मैं उनसे अपील करना चाहता हूं कि उन्हें मौजूदा सरकार से ज्यादा संवेदनशील और संवाद करने वाली सरकार नहीं मिलेगी।’’ तिवारी ने आभूषण निकाय जीजेसी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और हड़ताल का आह्वान वापस लेने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपके साथ नियमित रूप से बातचीत करेंगे। एचयूआईडी देश और उपभोक्ताओं के हित में है। यह एक बड़ी पहल है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार जौहरियों की चिंताओं का समाधान करने के लिए हमेशा तैयार है। अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले चरण के क्रियान्वयन के दौरान हुई प्रगति को साझा करते हुए तिवारी ने कहा, ‘‘यह एक बड़ी सफलता है। हम बेहतर परिणाम की कल्पना नहीं कर सकते थे। क्रियान्वयन के 50 दिन में एक करोड़ से अधिक आभूषणों को हॉलमार्क किया गया है। उन्होंने इस नई पहल के क्रियान्वयन की समयसीमा बढ़ाने का विस्तार करने से भी इनकार किया।
उन्होंने कहा कि सोने की हॉलमार्किंग लागू होने के समय पंजीकृत सर्राफा कारोबारियों की संख्या 35,000 थी, अब इन ऐसे जौहरियों की संख्या बढ़कर 91,603 हो गई है। जब एचयूआईडी लागू किया गया था, तब जांच केंद्रों पर एक जुलाई से 20 अगस्त के बीच 1.17 करोड़ आभूषण प्राप्त हुए थे। इनमें से एक करोड़ से ज्यादा आभूषणों में एचयूआईडी हॉलमार्क किया गया था। यहां तक कि पहले पखवाड़े में परख और हॉलमार्किंग के लिए भेजे गए आभूषणों की संख्या 5,135 आभूषण इकाई से बढ़कर अगस्त के पहले पखवाड़े में 14,349 इकाई हो गई।
त्योहार और शादी के सीजन में सोने की हॉलमार्किंग में देरी से ज्वेलर्स के कारोबार पर असर पड़ने की आशंका को दूर करते हुए बीआईएस प्रमुख ने कहा, ‘‘जब एक नई प्रणाली लागू की जाती है, तो शुरुआत में समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन बाद में वे धीरे-धीरे हल हो जाती हैं।’’ नतीजतन, हॉलमार्क किए गए आभूषणों की संख्या 1-15 जुलाई के दौरान 14.28 लाख आभूषण इकाई से बढ़कर इस वर्ष 1-15 अगस्त के दौरान 41.81 लाख आभूषण इकाई हो गई। उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को एक दिन में 3.90 लाख आभूषण हॉलमार्क किए गए थे। तिवारी ने आगे कहा कि विश्व स्वर्ण परिषद और इसी तरह के अन्य संघों ने अनुमान लगाया है कि हॉलमार्किंग की आवश्यकता एक वर्ष में केवल 10-12 करोड़ आभूषणों के लिए है, भले ही देश भर में अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू हो।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम इस गति से हॉलमार्किंग कर रहे हैं, तो हमें एक साल में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग करने में सक्षम होना चाहिए। हमारे पास देश की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता और गति है।’’ परख केंद्रों की क्षमता की कमी के बारे में कुछ सर्राफा कारोबारियों की आशंका के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘आठ घंटे की पाली में एक हॉलमार्किंग केंद्र 500 आभूषण इकाइयों की हॉलमार्किंग कर सकता है। लगभग 860 हॉलमार्किंग केंद्र हैं। 860 में से लगभग 161 केंद्रों ने प्रतिदिन 500 से अधिक आभूषण इकाइयां प्राप्त की हैं। अभी बहुत क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग की क्षमता और गति के बारे में उठाई गई चिंताएं तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। तिवारी ने कहा कि सरकार ने जौहरियों की हर वास्तविक चिंता का समाधान किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या अनिवार्य सोने की हॉलमार्किंग के उल्लंघन के लिए जौहरियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, अधिकारी ने कहा कि सरकार ने उद्योग को आश्वासन दिया था कि क्रियान्वयन के शुरुआती 2-3 महीने के दौरान आभूषण कारोबारियों को साथ लेकर चलने और जागरूकता पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह 30 अगस्त तक निगरानी में नहीं जाएगा। बीआईएस उस फैसले पर कायम है।’’ हालांकि, फर्जी हॉलमार्किंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली और दक्षिण भारत में 10-12 परख केंद्रों और फर्जी हॉलमार्किंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि एचयूआईडी नंबर को बीआईएस पोर्टल पर अपलोड करने का कार्य वर्तमान में केवल जांच केंद्रों के स्तर पर ही किया जाना है। उपभोक्ताओं के गोपनीयता डेटा की रक्षा की जाएगी। दूसरे चरण के क्रियान्वयन के बारे में उन्होंने कहा कि एक समिति की सिफारिश मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजी गई है।