नई दिल्ली। रियल्टी सेक्टर में वर्ष 2025 तक 80 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और इस सेक्टर में कुल श्रमबल की संख्या 1.7 करोड़ पर पहुंच जाएगी। रियल्टी कंपनियों के प्रमुख संगठन क्रेडाई और सलाहकार सीबीआरई की एक संयुक्त रिपोर्ट- भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के आर्थिक प्रभाव का आकलन- में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि नए रियल एस्टेट नियामकीय कानून तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी पहलों से यह क्षेत्र आगे बढ़ेगा। इसमें कहा गया है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रियल एस्टेट सेक्टर का हिस्सा 2025 तक दोगुना होकर 13 प्रतिशत हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक रियल एस्टेट क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़कर 1.72 करोड़ पर पहुंच जाएंगी, जो अभी 92 लाख हैं।
इस दौरान जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का योगदान मौजूदा 6.3 प्रतिशत से उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 13 प्रतिशत हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र के लिए दीर्घावधि की संभावनाएं काफी सकारात्मक हैं। क्रेडाई के अध्यक्ष जैक्सी शाह ने कहा कि सकारात्मक जनसांख्यिकी और नियमन वाले माहौल की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में रियल्टी सेक्टर का योगदान उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगा।