नई दिल्ली। भारत जैसे देश में, जहां रियल एस्टेट सेक्टर असंगठित और जोखिम भरा हो, वहां किसी भी मिडल क्लास फैमिली के लिए घर खरीदने का फैसला सबसे महंगा होता है, इस सेक्टर में ब्लैक मनी का प्रवाहा सबसे ज्यादा है, वहीं दूसरी ओर बिल्डर, प्रमोटर की कोई जिम्मेदारी भी तय नहीं है, ऐसे में लाखों खरीदार पूरा पैसा देने के बाद भी घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। हर साल 10 लाख लोग घर खरीदते हैं और बिना कोई नियामकीय संस्था होने के कारण खरीदारों की संख्या बढ़ाना बहुत कठित होता जा रहा है।
लेकिन अब घर खरीदारों के अच्छे दिन आ गए हैं। राज्य सभा में बहुप्रतीक्षित और महत्वपूर्ण बिल पास हो गया है, जो भारत में रियल एस्टेट सेक्टर को रेगूलेट करेगा और घर खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाएगा। इस बिल के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा कि घर खरीदारों के लिए यह खुशी की खबर है। यह रियल एस्टेट सेक्टर की तस्वीर बदलने वाला होगा।
यहां हम आपके सामने ऐसे 7 कारण रखने जा रहे हैं, जो प्रत्येक घर खरीदार (संभावित खरीदार) के को खुश करने वाले होंगे:
- रेगूलेटर बनने से रियल एस्टेट सेक्टर में ब्लैक मनी के उपयोग पर लगाम लगेगी, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरिता आएगी, अधिक घर बनाए जाएंगे और अधिक ग्राहक रियल एस्टेट में निवेश के लिए रुचि दिखाएंगे।
- पहले, यदि ग्राहक कोई कानूनी विवाद में पड़ता था, तो वह प्रमोटर, डेवलपर और सेलर के बीच फंस जाता था। लेकिन अब एक उचित ग्राहक सुरक्षा नीति लागू की जाएगी। एक रियल एस्टेट रेगूलेटर संस्था बनाई जाएगी, जो ऐसे सभी मामलों की सुनवाई करेगी।
- 500 वर्ग मीटर या 8 अपार्टमेंट से बड़े सभी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी के लिए अपने आप को रेगूलेटर के पास रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि प्रत्येक ग्राहक को कानून के जरिये सुरक्षा मिलेगी।
- डेवलपर को नए प्रोजेक्ट के लिए ग्राहक से मिली एडवांस राशि का 70 फीसदी हिस्सा एक एस्क्रो एकाउंट में रखना होगा, जिससे कि इस राशि का इस्तेमाल किसी अन्य प्रोजेक्ट को चालू करने में न किया जा सके। निर्धारित समय में निर्माण कार्य पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
- यह बिल लैंड टाइटल पर इंश्योरेंस उपलब्ध कराएगा, वर्तमान में यह बाजार में उपलब्ध नहीं है। यदि बाद में कोई लैंड टाइटल से जुड़ा विवाद सामने आता है तो ऐसे में यह ग्राहक और डेवलपर्स दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
- डेवलपर या प्रमोटर बिल्डिंग का लेआउट या डिजाइन नहीं बदल सकते, विशेषकर जब उन्होंने ग्राहकों से पैसे ले लिए हों। कारपेट एरिया में सभी उपयोग किए जाने वाले स्थान जैसे किचन एरिया, लॉबी आदि को शामिल करना होगा, जिसका मतलब होगा कि अब ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकाकर कम जगह मिलने से भी छुटकारा मिल जाएगा।
- यदि किसी प्रमोटर, डेवलपर या सेल्समेन के खिलाफ ट्रिब्यूनल में कोई शिकायत सही पाई जाती है तो उसे तीन साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। इसके अलावा इस बिल में भ्रामक विज्ञापन पर भी भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।