नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपनण कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने शुक्रवार को कहा है कि वह कम उत्सर्जन वाले बीएस-6 ईंधन की आपूर्ति पूरे देश में एक अप्रैल, 2020 से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी ने कहा है कि इस वजह से ईंधन की कीमतों में मामूली वृद्धि भी होगी। आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि कंपनी ने निम्न-सल्फर डीजल और पेट्रोल का उत्पादन करने के लिए अपनी रिफाइनरियों को अपग्रेड करने पर 17,000 करोड़ रुपए का खर्च किया है।
ईंधन के दाम में कितनी वृद्धि होगी यह बताए बगैर सिंह ने कहा कि एक अप्रैल से ईंधन के खुदरा दाम में निश्चित वृद्धि होगी। इस दिन से पूरे देश में नया ईंधन बिकेगा, जिसमें सल्फर की मात्रा केवल 10 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) होगी, जकि मौजूदा ईंधन में इसकी मात्रा 50 पीपीएम है।
सिंह ने कहा कि मैं आपको यह आश्वासन देता हूं कि हम बहुत अधिक वृद्धि के जरिये उपभोक्ताओं पर बड़ा बोझ नहीं डालेंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक खेत्र की तेल विपणन कंपिनयों ने अपनी रिफाइनरियों को अपग्रेड करने के लिए कुल 35,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें से 17,000 करोड़ रुपए अकेले आईओसी ने खर्च किए हैं।
इस हफ्ते की शुरुआत में, बीपीसीएल ने कहा था कि उसने रिफाइनरी अपग्रेड करे पर 7,000 करोड़ रुपए का निवेश किया है। ओएनजीसी द्वारा संचालित एचपीसीएल ने बीएस-6 ईंधन की आपूर्ति के लिए अपनी तैयारियों और निवेश के बारे में अभी तक कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।
सिंह ने कहा कि आईओसी ने पंद्रह दिन पहले ही बीएस-6 ईंधन का उत्पादन शुरू कर दिया है और इसके सभी डिपो और कंटेनर्स पूरी तरह से नए ईंधन के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ दूरस्थ इलाकों में, जहां खपत बहुत कम है, नए ईंधन की मांग उत्पन्न होने में थोड़ा वक्त लगेगा। सिंह ने कहा कि लेकिन कंपनी की योजना ऐसे स्थानों पर बीएस-4 स्टॉक को पूरी तरह से खत्म करने और उसके स्थान पर नया ईंधन भरने की योजना है।
तेल विपणन कंपनियों द्वारा एक अप्रैल से नए ईंधन की कीमत में 70 से 120 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की खबरों पर सिंह ने कहा कि इस अत्धिक औसत तक पहुंचना प्रत्येक रिफाइनरी की जटिलता को देखते हुए संभव नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि से उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा।
सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य इस निवेश से शुद्ध रूप से रिटर्न हासिल करना नहीं है, लेकिन यह राष्ट्र की जरूरत है और हम इसे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कम उत्सर्जन वाले ईंधन को अपनाने वाले सभी देश बहुत अधिक कीमत वसूल रहे हैं और 1 अप्रैल से हमारी कीमत भी यूरो-4 ईंधन की कीमत की तुलना में अधिक होंगी।