नई दिल्ली। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने दूरसंचार विभाग पर स्पेक्ट्रम शुल्क को लेकर उसके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। कंपनी का आरोप है कि विभाग ने उससे तो एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के लिए बैंक गारंटी मांगी, जबकि वोडाफोन-आइडिया के विलय सौदे को इस तरह की कोई मांग किए बिना ही मंजूरी दे दी।
सूत्रों के अनुसार कंपनी ने इस बारे में 10 जुलाई को दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि वोडाफोन के लंबित एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के लिए किसी तरह की बैंक गारंटी पर जोर दिए बिना ही आइडिया सेल्युलर-वोडाफोन इंडिया के विलय सौदे को मंजूरी दे दी गई।
वहीं, दूरसंचार विभाग ने इन आरोपों का खंडन किया है। दूरसंचार विभाग में निदेशक (मीडिया) शंभूनाथ चौधरी ने कहा कि विभाग तो प्रासंगिक दिशा-निर्देशों के अनुसार तय नियमों का ही पालन कर रहा है। आरकॉम के ज्ञापन की समीक्षा की जा रही है।
आरकॉम ने पत्र में आग्रह किया है कि दूरसंचार विभाग से आग्रह है कि आरकॉम के खिलाफ इस तरह का भेदभावपूर्ण व अनुचित रवैया नहीं अपनाया जाए, जबकि उसी समय वोडाफोन को लेकर उसका पूरी तरह से अलग व अनुकूल रुख रहा है। इसलिए विभाग को 2000.10 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी को तुरंत नियंत्रण मुक्त कर देना चाहिए।
इस मामले में आरकॉम, वोडाफोन की प्रतिक्रिया तत्काल नहीं मिल पाई। आरकॉम ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने उससे (आरकॉम) विवादित ओटीएससी मामले में बैंक गारंटी देने पर जोर दिया था। यह मामला तब का है जब कंपनी ने सरकार से 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम को उदार बनाने का आग्रह किया था।