नई दिल्ली। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) अब देश की टॉप थ्री टेलीकॉम कंपनी की लिस्ट में शामिल होने की तैयारी में है। आरकॉम और एयरसेल के आपस में संभावित मर्जर के लिए दोनों कंपनियां बातचीत कर रही हैं। आरकॉम ने मंगलवार को बताया कि संभावित मर्जर के लिए वह एयरसेल के प्रमोटर्स के साथ चर्चा कर रही है। आरकॉम ने मेक्सिस कम्यूनिकेशंस और सिंद्या सिक्यूरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ 90 दिनों का एक्सक्लूसिविटी समझौता भी किया है। कंपनी ने कहा कि इस सौदे से आरकॉम के टॉवर्स और ऑप्टीकल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर को शामिल नहीं किया जाएगा।
आरकॉम ने एक बयान में कहा कि इसका लक्ष्य है घरेलू विलय से अनुमानित उल्लेखनीय लाभ हासिल करना जिसमें परिचालन व्यय और पूंजी व्यय ताल-मेल और राजस्व वृद्धि शामिल है। कंपनी ने कहा, यह बातचीत बाध्यकारी नहीं है। कोई भी सौदा देनदारियों एवं परिसंपत्तियों की जांच, निश्चयात्मक दस्तावेजीकरण और नियामकीय मंजूरी, शेयरधारकों और अन्य तृतीय पक्ष की स्वीकृति से होगा। इसलिए कोई निश्चितता नहीं है कि कोई सौदा होगा। आरकॉम ने हालही में रूस की सिस्टेमा जेएसएफसी के साथ भी एमटीएस इंडिया ऑपरेशन के मर्जर के लिए बातचीत की है।
यदि इन तीनों कंपनियों का मर्जर हो जाता है तो नई बनने वाली संयुक्त कंपनी के पास भारत में 15 करोड़ उपभोक्ता होंगे और यह वर्तमान में तीसरे स्थान पर आइडिया को मजबूत टक्कर देगी। आरकॉम-एयरसेल-एमटीएस के पास संयुक्त रूप से 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में कुल 19.3 फीसदी स्पेक्ट्रम होगा। सूत्रों के मुताबिक आरकॉम के शेयरहोल्डर्स को नई संयुक्त वायरलेस कंपनी में फ्री लिस्टेड शेयर दिए जाएंगे। आरकॉम पर 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है, जिसे अलग से लिस्टेड संयुक्त कंपनी को ट्रांसफर किया जाएगा।