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RCAP खरीदेगी गोल्‍डमैन सैक्‍स का भारत में म्‍यूचुअल फंड बिजनेस, 243 करोड़ में होगा सौदा

रिलायंस कैपिटल असेट मैनेजमेंट (आरकैम) ने बुधवार को वैश्विक कंपनी गोल्‍डमैन सैक्‍स के भारतीय म्‍यूचुअल फंड बिजनेस का अधिग्रहण करने की घोषणा की है।

Abhishek Shrivastava
Updated : October 21, 2015 12:36 IST
RCAP खरीदेगी गोल्‍डमैन सैक्‍स का भारत में म्‍यूचुअल फंड बिजनेस, 243 करोड़ में होगा सौदा
RCAP खरीदेगी गोल्‍डमैन सैक्‍स का भारत में म्‍यूचुअल फंड बिजनेस, 243 करोड़ में होगा सौदा

नई दिल्‍ली। अनिल अंबानी के नेतृत्‍व वाले रिलायंस कैपिटल की सहयोगी कंपनी रिलायंस कैपिटल असेट मैनेजमेंट (RCAM) ने बुधवार को वैश्विक कंपनी गोल्‍डमैन सैक्‍स के भारतीय म्‍यूचुअल फंड बिजनेस का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। आरकैम का यह पहला अधिग्रहण है। ऑल-कैश डील के तहत आरकैम 243 करोड़ रुपए में यह अधिग्रहण पूरा करेगी। इस अधिग्रहण के बाद 13 लाख करोड़ रुपए वाले भारतीय म्‍यूचुअल फंड बाजार से बाहर निकलने वाली यह एक और विदेशी कंपनी होगी।

इस सौदे के तहत आरकैम गोल्‍डमैन सैक्‍स असेट मैनेजमेंट इंडिया की सभी 12 ऑनशोर म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम का अधिग्रहण करेगी। इन सभी स्‍कीम के तहत कुल 7,132 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है। आरकैम की प्रमुख कंपनी रिलायंस कैपिटल ने एक बयान में कहा है कि दोनों कंपनियों के बोर्ड ने इस सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है और चालू वित्‍त वर्ष के दौरान यह सौदा पूरा होने की उम्‍मीद है।

रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी के नेतृत्‍व वाली रिलायंस ग्रुप की वित्‍तीय सेवा कंपनी है और यह इंश्‍योरेंस, ब्रोकरेज और वेल्थ मैनेजमेंट सहित अन्‍य क्षेत्रों में भी कार्यरत है।  असेट अंडर मैनेजमेंट के आधार पर एचडीएफसी एमएफ देश की सबसे बड़ी फंड कंपनी है। इसके पास 1.71 लाख करोड़ रुपए का फंड है। इसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल 1.65 लाख करोड़, रिलायंस एमएफ 1.53 लाख करोड़ के सात क्रमश: दूसरे और तीसरे स्‍थान पर हैं।

गोल्‍डमैन सैक्‍स ने भारतीय म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में 2011 में बेंचमार्क म्‍यूचुअल फंड का 120 करोड़ रुपए में अधिग्रहण कर प्रवेश किया था। पिछले कुछ सालों में भारतयी म्‍यूचुअल फंड बिजनेस से कई विदेशी कंपनियां बाहर निकल चुकी हैं।

स्‍टैंडर्ड चार्टर्ड ने भारत में अपना म्‍यूचुअल फंड बिजनेस 2008 में आईडीएफसी को बेचा था। फीडेलिटी ने 2012 में अपना म्‍यूचुअल फंड बिजनेस एलएंडटी फाइनेंस को बेचा था। पिछले साल एचडीएफसी म्‍यूचुअल फंड ने मोर्गन स्‍टैनली के फंड बिजनेस का अधिग्रहण किया था।

इसके अलावा बिड़ला सनलाइफ ने आईएनजी म्‍यूचुअल फंड, कोटक एमएफ ने पाइनब्रिज म्‍यूचुअल फंड और प्रामेरिका ने डॉयचे बैंक के म्‍यूचुअल फंड बिजनेस का अधिग्रहण किया था। भारत में अभी भी 40 फंड हाउस हैं जो कुल 133 लाख करोड़ रुपए के फंड को मैनेज कर रहे हैं। पिछली आठ तिमाहियों से भारत का म्‍यूचुअल फंड बाजार लगातार ग्रोथ कर रहा है।

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