लंदन/वाशिंगटन। संकट में फंसे विजय माल्या की समस्या बढ़ती जा रही है। इंटरनेशनल बैंक आबीएस (RBS) माल्या के यूरोपीय बीयर एंटरप्राइज को दी गई लोन की सुविधा और अन्य बैंकिंग सर्विसेज अगले महीने समाप्त करने पर विचार कर रहा है। माल्या की कंपनी किंगफिशर बीयर यूरोप लि. अब आरबीएस की जगह वैकल्पिक स्त्रोत तलाशने को विवश है। माल्य ने इन कंपनी पर विभिन्न इकाइयों के एक मकड़जाल के माध्यम से स्वामित्व स्थापित किया है।
माल्या की अगुवाई वाला यूबी ग्रुप विदेशों में अपने शराब कारखानों का कारोबार कैलीफोर्निया की मेंडोसिनो ब्रूइंग कंपनी के जरिए चलाती है। मेंडोसिनो अमेरिका में किंगफिशर समेत कई ब्रांड के बीयर बेचती है। वह दूसरे देशों में अपना कामकाज एक पूर्ण अनुषंगी यूनाइटेड ब्रेवरीज इंटरनेशनल (यूके) लि. और अनुषंगी की अनुषंगी किंगफिशर बीयर यूरोप लि. (केबीईएल) के जरिए करती है। मेंडोसिनो के चेयरमैन माल्या हैं और इसका स्वामित्व एक जटिल शेयरधारिता व्यवस्था के माध्यम से यूबी समूह के पास है। माल्या ने अपने विदेशी कारोबार को समस्या में फंसे भारतीय कारोबार से पृथक बनाए रखने की कोशिश की। भारत में बैंकों के समूह से किंगफिशर एयरलाइंस के लिये लिये गये 9,000 करोड़ रुपये की वसूली कार्यवाही के बीच उनके भारत छोड़ने के बाद से विवाद बढ़ गया है।
माल्या और उनके समूह की कंपनियों की जांच सेबी, प्रवर्तन निदेशालय तथा गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) समेत विभिन्न जांच एजेंसिया कर रही हैं। बार-बार समन दिये जाने के बावजूद जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं होने को लेकर सरकार ने माल्या का राजनयिक पासपोर्ट निलंबित कर दिया है। अमेरिकी बाजार नियामक को दी गयी सूचना में मेंडोसिनो ने कहा कि रॉयल बैंक आफ स्कॉटलैंड कमर्शियल सर्विसेज लि. (आरबीएस) ने 28 लाख डॉलर की ऐसी लोन की सुविधा अप्रैल 2005 में केबीईएल को दी थी। लोन सुविधा पर ब्याज दर आरबीएस की आधार दर से 1.38 प्रतिशत अधिक है। साथ ही प्रत्येक बिल पर 0.10 प्रतिशत सेवा शुल्क लगता है। केबीईएल को पिछले साल आरबीएस से नोटिस मिला जिसमें रिण सुविधा 26 फरवरी 2016 से समाप्त करने की बात कही गयी थी। साथ ही बैंक ने यह भी सूचित किया कि उसका इरादा 26 फरवरी से कंपनी को दी गयी सभी प्रकार की लोन सुविधा समाप्त करने की है। बाद में आबीएस ने इसे समाप्त करने की मियाद 29 अप्रैल 2016 तक के लिये बढ़ा दी।