नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो (Deputy Governor B P Kanungo) ने शुक्रवार को कहा कि आरबीआई की एक आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी के मॉडल पर विचार-विमर्श कर रही है और हम जल्द ही इसके बारे में निर्णय की घोषणा करेंगे। उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए आरबीआई ने भी अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी पेश करने की इच्छा जताई थी। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर आरबीआई ने अपनी कई चिंताएं भी व्यक्त की थीं। सरकार ने पिछले हफ्ते ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि डिजिटल करेंसी के संबंध में, हम पहले ही अपना बयान जारी कर चुके हैं। हमारे डिजिटल पेमेंट डॉक्यूमेंट में यह बताया गया है कि आरबीआई के भीतर डिजिटल करेंसी पर तेजी से काम चल रहा है। कानूनगो ने कहा कि डिजिटल करेंसी को लेकर मौद्रिक नीति समिति कुछ समय पहले ही अपनी घोषणा कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि हमनें एक समिति का गठन किया है, जो डिजिटल करेंसी के मॉडल पर विचार कर रही है। एक आंतरिक समिति सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के मॉडल को तैयार करने में जुटी है और आप जल्द ही रिजर्व बैंक द्वारा इसके बारे में एक बड़ी घोषणा सुनेंगे।
हाल के वर्षों में प्राइवेट डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी काफी लोकप्रिय हो गई हैं। भारत में, नियामक और सरकार इन करेंसी और इनसे जुड़े जोखिम को लेकर काफी सतर्क है। केंद्रीय बैंक ने जनवरी में कहा था कि आरबीआई इस बात की संभावना पर गौर कर रहा है कि क्या डिजिटल करेंसी की आवश्यकता है। यदि हां तो यह कैसे ऑपरेशनल होगी।
पीएमसी बैंक रेजोल्यूशन के लिए मिले तीन ऑफर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के रिकंस्ट्रक्शन के लिए तीन निवेशकों ने अपनी रुचि दिखाई है और हम अभी इनकी समीक्षा कर रहे हैं। पिछले महीने पीएमसी बैंक प्रशासक एके दीक्षित ने ग्राहकों और शेयरधारकों को पत्र लिखकर बताया था कि तीन संभावित निवेशकों को 1 फरवरी, 2021 तक अपने अभिरुचि पत्र दाखिल करने को कहा गया है।
दास ने कहा कि जैसे ही इन तीनों ऑफर का मूल्याकंन पूरा हो जाएगा, उसके बाद बैंक आरबीआई से संपर्क करेगा। सितंबर, 2019 में आरबीआई ने पीएमसी बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और कई वित्तीय अनियमितताओं के चलते इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।