नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान बैंकों में जो नोट जमा हुए हैं उनमें नकली नोट की पहचान जल्द हो सकेगी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 6 महीने के लिए 12 करेंसी वेरिफिकेशन सिस्टम लीज पर लेने के लिए टेंडर जारी किया है। करेंसी वेरिफिकेशन सिस्टम्स की मदद से नोटबंदी के दौरान बैंकों में जमा हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों में से नकली नोट की पहचान की जाएगी। रिजर्व बैंक फिलहाल नोटों की गिनती में लगा हुआ है और जल्द ही यह जानकारी दे सकता है कि नोटबंदी के दौरान कुल कितनी करेंसी वापस बैंकों मे लौटी है।
केंद्रीय वित्तमंत्रालय के मुताबिक देश में जब नोटबंदी की घोषणा हुई थी तो अर्थव्यवस्था में 1,716.50 करोड़ 500 रुपए के नोट थे जिनकी कुल कीमत करीब 8 लाख 58 हजार 250 करोड़ रुपए थी। वहीं 1000 रुपए के नोटों की बात की जाए तो कुल 685.80 करोड़ 1000 रुपए के नोट थे जिनकी कुल कीमत 6 लाख 85 हजार 800 करोड़ रुपए थी। यानि 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की करेंसी की नोटबंदी की गई थी।
इस नोटबंदी की घोषणा हुए 8 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक रिजर्व बैं की तरफ से यह जानकारी नहीं दी गई है कि 15 लाख 44 हजार 50 करोड़ रुपए में से बैंकों के पास कितने के नोट वापस हुए हैं। इसी महीने रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल से जब संसदीय समिति ने इसके बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था कि पुराने नोटों की गिनती का काम अभी चल रहा है।
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