मैसूर में हुई है 2 हजार के नोट की प्रिटिंग
- सूत्रों के मुताबिक 2000 रुपए के नए नोट की छपाई मैसूर करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में शुरू हो चुकी है। हालांकि, न तो सरकार ने और न ही केंद्रीय बैंक ने इसकी कोई पुष्टि की है।
- भारत में करेंसी नोट और सिक्कों की छपाई व ढलाई सिक्यूरिटी प्रिंटिंग एंड माइनिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसएमपीसीआईएल) की आठ इकाइयों में की जाती है।
- यह वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत सार्वजनिक कंपनी है।
- नए नोट आरबीआई के सभी रीजनल ब्रांचों में पहुंचा दिए हैं, जिसके बाद इन्हें बैंकों की चेस्ट ब्रांचों में भेज दिया जाएगा।
- जल्द ही नोट लोगों को एटीएम के जरिए मिलेंगे। सूत्रों के अनुसार आरबीआई, जयपुर में कुल 300 बक्से पहुंचे हैं।
त्योहारी सीजन में बाजार में नकली नोटों की भरमार, ऐसे करें असली-नकली की पहचान
- एसएमपीसीआईएल की मध्य प्रदेश के देवास और महाराष्ट्र की नाशिक यूनिट में देश की कुल करेंसी नोट का 40 फीसदी हिस्सा छपता है।
- एसएमपीसीआईएल की मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा यूनिट में सिक्कों की ढलाई की जाती है।
- 1938 में आरबीआई 10,000 का नोट छापती थी, जो बाद में 1946 में बंद कर दिया गया।
- आरबीआई ने दोबारा 1954 में 10,000 का नोट छापना शुरू किया और इसे 1978 में दोबारा बंद कर दिया गया।
- नोट छापने में उपयोग होने वाला कागज कपास और कपास रेशे से बना होता है।
ऐसे करें असली और नकली नोटों की पहचान
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- आरबीआई की सलाह पर सरकार ढलाई के लिए सिक्कों की मात्रा तय करती है।
- आरबीआई इकोनॉमी की ग्रोथ रेट, इनफ्लेशन रेट, रिपलेसमेंट डिमांड और रिजर्व स्टॉक रिक्वायरमेंट के आधार पर बैंक नोट की मांग निर्धारित करता है।
- करेंसी नोट नाशिक, देवास, मैसूर और सालबोनी यूनिट में छापे जाते हैं।
- सिक्कों की ढलाई मुंबई, नोएडा, कोलकाता और हैदराबाद युनिट में की जाती है।
- आरबीआई अपना करेंसी ऑपरेशन 19 इश्यू ऑफिस के जरिये चलाती है। यह ऑफिस अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना, तिरुवनंतपुरम में हैं।
सोशल मीडिया में वायल हुई ये Photos
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