मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली की मौद्रिक नीति समिति ( MPC) की दोदिवसीय बैठक आज यहां शुरू हो गई। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के मद्देनजर MPC द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी कम है। MPC चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा कल करेगी।
पिछली तीन नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है। पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि सरकार ने जोर देकर कहा है कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा।
अंशधारकों की निगाह एमपीसी की बैठक पर है। खुदरा मुद्रास्फीति में कमी और वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय बैंक पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है। स्कोईमेट ने मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया है। इससे कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है जिससे कीमतों पर दबाव कम होगा।