नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को नकदी उपलब्ध कराने के लिये किये गये उपायों से कर्ज की रफ्तार में बड़ी तेजी की संभावना कम है। मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने रविवार को यह अनुमान दिया है। मूडीज का कहना है कि इससे तो एनबीएफसी आगे उपभोक्ताओं को कर्ज देने के बजाय अपनी खुद की नकदी स्थिति को मजबूत करने ज्यादा ध्यान दे सकते हैं।
इन्वेस्टर सर्विसेज की उपाध्यक्ष (वित्तीय संस्थान समूह) अल्का अंबरासु ने पीटीआई-भाषा से कहा कि केंद्रीय बैंक के उपायों से एनबीएफसी क्षेत्र को धन मिलेगा, लेकिन लगता नहीं कि इससे व्यापक अर्थव्यवस्था में कर्ज का प्रवाह बढ़ेगा। अनुमान है कि निकट भविष्य में एनबीएफसी अपने बही-खाते की वृद्धि के बजाय तरलता को मजबूत करने को प्राथमिकता देंगी। उन्होंने कहा कि टीएलटीआरओ से स्थापित फ्रेंचाइजी वाली एनबीएफसी कंपनियों को फायदा होगा। उदाहरण के लिए इसका लाभ उन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियो को मिलेगा, जो लंबे समय से परिचालन कर रही हैं या जिन्हें किसी बड़े कॉरपोरेट समूह का समर्थन हासिल है।