मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय क्षेत्र पारिस्थितिकी तंत्र में संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के कामकाज की वृहद समीक्षा के लिए सोमवार को एक समिति का गठन किया है। यह समिति एआरसी को बढ़ती जरूरतों के अनुरूप काम करने के लिए उचित उपायों का सुझाव देगी। छह सदस्यीय समिति के प्रमुख रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन होंगे।
इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने एआरसी के कामकाज की वृहद समीक्षा के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी। समिति के नियम और शर्तों के अनुसार, यह एआरसी के लिए मौजूदा कानूनी और नियामकीय ढांचे की समीक्षा करेगी और उनकी दक्षता में सुधार के उपाय सुझाएगी। इसके अलावा समिति दबाव वाली संपत्तियों के निपटान में एआरसी की भूमिका की समीक्षा करेगी। इनमें दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) शामिल है।
समिति प्रतिभूति प्राप्तियों की तरलता में सुधार और कारोबार के लिए सुझाव देगी। इसे अलावा समिति को एआरसी के कारोबारी मॉडल की भी समीक्षा करनी होगी। केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। ‘‘रिजर्व बैंक का नियमन विभाग समिति को जरूरी सचिवालय समर्थन उपलब्ध कराएगा।’’