नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी के बाद पेश किए गए 2000 रुपए के बैंक नोट की छपाई घटाकर न्यूनतम कर दी गई है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
सरकार द्वारा पुराने 500/1000 के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के अचानक फैसले के तुरंत बाद, रिजर्व बैंक ने अपनी पुनर्मुद्रीकरण योजना के तहत 2000 रुपए के नोट के साथ-साथ 500 रुपए का नया नोट नई डिजाइन के साथ पेश किया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरबीआई और सरकार समय-समय पर प्रचलन में धन के आधार पर प्रिंट होने वाले नोटों की मात्रा पर निर्णय लेते हैं।
जब 2000 रुपए का नया नोट पेश किया गया था, तो यह तय किया गया था कि इसकी छपाई को आगे कम किया जाएगा, क्योंकि नए उच्च मूल्य के नोट को पुनर्मुद्रीकरण की जरूरत को पूरा करने के लिए लाया गया था।
अधिकारी ने कहा कि 2000 रुपए के नोट की छपाई में काफी कमी आ चुकी है। यह तय किया गया है कि 2000 रुपए के नोट की छपाई को न्यूनतम स्तर पर ले आया जाए। यह कोई नई बात नहीं है।
आरबीआई के मुताबिक, मार्च-2017 के अंत तक 2000 रुपए के कुल 3,28,50,00000 नोट प्रचनल में थे। एक साल बाद 31 मार्च, 2018 को इनकी संख्या में मामूली इजाफा हुआ और यह संख्या बढ़कर 3,36,30,00000 हो गई।
मार्च-2018 के अंत तक प्रचलन में कुल 18,037 अरब रुपए मूल्य की मुद्रा प्रचलन में थी, जिसमें 2000 रुपए के नोटों का प्रतिशत 37.3 था, जो मार्च-2017 की तुलना में 50.2 प्रतिशत थी। नवंबर 2016 में प्रतिबंधित किए गए 500/1000 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी उस समय प्रचलित कुल मुद्रा में 86 प्रतिशत थी।