नई दिल्ली। बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या का समाधान करने की दिशा में RBI ने कारवाई तेज कर दी है। केन्द्रीय बैंक ने 5000 करोड़ रुपए से अधिक बकाये कर्ज वाले 12 बैंक खातों की पहचान कर ली है। इन खातों में बैंकों के कुल फंसे कर्ज का 25 फीसदी बकाया है। केंद्रीय बैंक इन खातों से बकाए की वसूली के लिये बैंकों को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत कारवाई करने के लिये कह सकता है। यह भी पढ़े: RBI ने जारी किया नई सीरीज वाला 500 रुपए का नया नोट, जानिए क्या है इसमें खास
RBI बना रहा है डिफॉल्टर्स की लिस्ट
एनपीए की रिकवरी के लिए आरबीआई कर्ज नहीं चुकाने वालों की एक लिस्ट तैयार कर रहा है। इसके तहत 500 टॉप डिफॉल्टर्स में इन 12 अकाउंट्स की पहचान की गई है। आपको बता दें कि समूचा बैंकिंग क्षेत्र इस समय फंसे कर्ज के बोझा तले दबा हुआ है। करीब आठ लाख करोड़ रुपए की राशि कर्ज में फंसी है जिसमें से छह लाख करोड़ रुपये की राशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की है। आरबीआई ने कहा था कि बढ़ते एनपीए के मामलों से निपटने के लिए नए सिरे से ओवरसाइट कमेटी बनाई जाएगी। इसका विस्तार भी किया जाएगा। यह भी पढ़े:
RBI बड़े लोन डिफॉल्टर्स की लिस्ट को दे रहा है अंतिम रूप, दिवाला कानून के तहत किया जाएगा इनका निपटान
अब आगे क्या
रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये 12 बैंक खाते दिवाला कानून के तहत तुंरत कारवाई के लिये उपयुक्त हैं। हालांकि केन्द्रीय बैंक ने इन खाताधारकों के नाम नहीं बताये हैं। रिजर्व बैंक ने एक आंतिरक सलाहकार समिति बनाई है। इस समिति में ज्यादातर स्वतंत्र बोर्डसदस्य शामिल हैं। यह समिति रिजर्व बैंक को उन मामलों के बारे में सलाह देती है जिनमें दिवाला कानून के तहत कारवाई की जा सकती है। यह भी पढ़े:
RBI ने होम लोन पर घटाया रिस्क वेटिज, जल्द कम होगी आपकी EMI!
कैसे होगी कार्रवाई
नए कानून के तहत 180 दिन के अंदर रिकवरी प्लान या फिर लिक्विडेशन का प्रोविजन है। ऐसे में बैंकों की कोशिश रहेगी कि तय समय में रिकवरी प्रोसेस पूरी की जाए। एक ऑफिसर के मुताबिक, रिकवरी के लिए इंडिपेंडेंट रिजॉल्युशन एजेंट अप्वॉइंट किए जाएंगे, जो एनपीए रिकवरी की प्रोसेस शुरू करेंगे। इसके तहत 6 महीने के अंदर लोन की रिस्ट्रक्चरिंग का रोडमैप तैयार किया जाएगा। ऐसा नहीं हो पाया तो फिर कंपनी के लिक्विडेशन का प्रोसेस शुरू किया जाएगा। अगर एनपीए अकाउंट में रिकवरी की उम्मीद दिखेगी तो 90 दिन और दिए जा सकते हैं। यह भी पढ़े: RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, SLR 0.50 फीसदी घटाकर 20 फीसदी किया
बैंको पर लगेगा जुर्माना
आरबीआई बैड लोन की रिकवरी के लिए एक टाइमलाइन पहले ही तय कर चुकी है। आरबीआई का बैंकों को यह भी ऑर्डर है कि टाइमलाइन में एनपीए एक्शन प्लान पर काम नहीं किया गया तो उन पर मॉनेटरी पेनल्टी लगाई जाएगी। आरबीआई ने यह भी साफ किया है कि ज्वाइंट लेंडर फोरम के 50% मेंबर्स की मंजूरी से बैंक एक्शन ले सकते हैं। इसके लिए बोर्ड की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।