मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को विभिन्न आकार-प्रकार और डिजाइन के सिक्कों को स्वीकार करने को लेकर लोगों के बीच संदेह को दूर किया। उसने कहा कि चलन में विभिन्न राशि के जो भी सिक्के हैं, वे पूरी तरह से वैध मुद्रा हैं और लोगों को बिना किसी झिझक के उसे स्वीकार करना चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को आरबीआई चलन में डालता है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने बैंकों से यह भी कहा है कि वे सिक्के बदलने आने वाले ग्राहकों को अपनी शाखाओं से नहीं लौटाएं। वे ग्राहकों से छोटी राशि के सिक्कों और नोट को स्वीकार करें।
रिजर्व बैंक ने कहा कि लोगों की लेन-देन की जरूरतों को पूरा करने के लिए समय-समय पर जो भी सिक्के चलन में लाए जाते हैं, उनकी विशेषताएं अलग होती हैं। वे विभिन्न विचारों - आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक - से प्रेरित होते हैं।
आरबीआई ने कहा कि सिक्के लंबी अवधि के लिए चलन में बने रहते हैं। साथ ही अलग-अलग डिजाइन और आकार के सिक्के जारी किए जाते हैं। केंद्रीय बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि कुछ तबकों में ऐसे सिक्कों को लेकर संदेह है और इसके कारण कुछ व्यापारी, दुकानदार और लोग सिक्के स्वीकार नहीं करते। इससे देश के कुछ हिस्सों में सिक्कों का मुक्त उपयोग और चलन बाधित हुआ है।
विज्ञप्ति के अनुसार रिजर्व बैंक लोगों से अपील करता है कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं दे और इन सिक्कों को बिना झिझक वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करें। फिलहाल विभिन्न आकार-प्रकार, डिजाइन के 50 पैसा, 1 रुपया, 2 रुपया, 5 रुपया और 10 रुपए की राशि के सिक्के चलन में हैं।
केंद्रीय बैंक ने इसके साथ बैंकों से यह भी कहा है कि वे सिक्के बदलने आने वाले ग्राहकों को अपनी शाखाओं से नहीं लौटाएं। नोट और सिक्कों को बदलने के बारे में आरबीआई के परिपत्र में बैंकों को सलाह दी गई है कि किसी भी बैंक शाखा को छोटी राशि के नोट या सिक्कों को लेने से मना नहीं करना चाहिए।
हालांकि आरबीआई को बैंक शाखाओं द्वारा सिक्कों को स्वीकार नहीं करने के बारे में शिकायतें मिलती रही हैं। आरबीआई ने कहा कि इसीलिए आपको फिर से सलाह दी जाती है कि आप अपनी सभी शाखाओं को सभी राशि के सिक्कों को स्वीकार करने और उसे बदलने की सलाह दें और इसका कढ़ाई से पालन सुनिश्चित करें।