मुंबई। भारत में हर तीसरी ATM मशीन काम नहीं करती है। यह किसी और का नहीं बल्कि स्वयं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कहना है। इससे सरकार के सामने ग्रामीण भारत में रहने वाले करोड़ों गरीब लोगों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने के रास्ते में चुनौती खड़ी होती है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा ने कहा कि आरबीआई ने पूरे देश में एक सैंपल सर्वे के आधार पर 4,000 एटीएम का निरीक्षण किया था। इस सर्वे के परिणाम बहुत ही निराशाजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन एटीएम में से तकरीबन एक तिहाई एटीएम काम नहीं करते हुए पाए गए हैं। मूंदड़ा ने कहा कि अधिकांश एटीएम में निशाक्त नागरिकों के लिए किसी प्रकार की सुविधा का प्रावधान नहीं किया गया है, जिससे वह एटीएम उपयोग करने से वंचित हैं।
तस्वीरों में जानिए एटीएम कार्ड पर लिखे नंबरों का मतलब
ATM card number
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ATM से सिर्फ पैसे ही नहीं, बल्कि निपटा सकते हैं ये 6 जरूरी काम भी
उन्होंने बताया कि आरबीआई इस संबंध में बैंकों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाखों भारतीयों को फाइनेंशियल सिस्टम में शामिल करने को अपनी प्राथमिकता में शामिल किया है और वह चाहते हैं कि प्रत्येक नागरिक के पास एक बैंक खाता हो। वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 53 फीसदी भारतीय व्यस्कों के पास एक औपचारिक बैंक खाता है।
काम करते हुए एटीएम की फाइनेंशियल इनक्लूजन में महत्वपूर्ण भूमिका है, विशेषकर उन दूरदराज के इलाकों में जहां बैंक अपनी शाखाएं नहीं खोल सकते। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के अपने बजट भाषण में अगले तीन साल में पूरे देश में एटीएम का जाल बिछाने की घोषणा की थी। ऐसे में बंद पड़े एटीएम का क्या फायदा होगा, यह समझना होगा।